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22 January 2025

आरजी कर मामला: हाई कोर्ट चिकित्सक के परिवार, सीबीआई और दोषी की दलीलें सुनेगा

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार-हत्या मामले में निचली अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा को अपर्याप्त बताने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की अपील को स्वीकार करने से पहले केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), पीड़िता के परिवार और दोषी का पक्ष सुनेगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह 27 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगा।

सीबीआई ने मामले में अपील दायर करने के राज्य के अधिकार का विरोध करते हुए दावा किया कि अभियोजन एजेंसी होने के नाते उसे सजा की अपर्याप्तता के आधार पर अपील दायर करने का अधिकार है।

सियालदह की अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त 2024 को ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि वह राज्य सरकार की अपील स्वीकार करने से पहले सीबीआई, पीड़िता के परिवार और दोषी के वकीलों के माध्यम से उनकी दलीलें सुनेगी। इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी भी शामिल थे।

राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दोषी रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए अदालत के समक्ष कहा कि दोषी को उसके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त है।

उन्होंने अदालत से अपील स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि अभियोजन एजेंसी, पीड़ित परिवार और दोषी के अलावा राज्य भी सजा की अवधि को चुनौती दे सकता है।

दत्ता ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि कोलकाता पुलिस ने बलात्कार-हत्या मामले की प्रारंभिक जांच की थी और बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त 2024 को जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

सीबीआई की ओर से पेश उप सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने राज्य की दलील का विरोध किया और कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को ‘अपर्याप्तता के आधार’ पर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने निचली अदालत के समक्ष रॉय को मृत्युदंड देने का अनुरोध किया था।

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TAGS: RG Kar case, High Court, arguments of doctor's family, CBI and convict
OUTLOOK 22 January, 2025
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