राजद के बिहार बंद से जीवन हुआ अस्त-व्यस्त
पटना। राजद के द्वारा बुलाए गए सोमवार के बंद को सफल बनाने के लिए पटना की सड़कों पर निकले राजद सुप्रीमो को पटना पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले आज सुबह से ही कई जगहों पर हाथों में लाठियां लिए राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ सड़कों पर उतर गई थी। दरअसल राजद ने आज के बंद का आह्वान केंद्र पर जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों को जल्दी जारी करने का दबाव बनाने के लिए किया था। राजद के आज के बिहार बंद को सत्ताधारी जदयू और सपा का भी समर्थन था क्योंकि उनके कार्यकर्ताओं को भी पटना के कई क्षेत्रों में दूकानें और बाजार बंद कराते हुए देखा गया। बंद का नेतृत्व करने के लिए लालू यादव खुद एक टमटम पर सवार होकर पटना की सड़कों पर उतरे। बाद में पटना पुलिस ने लालू प्रसाद को राजद के अन्य कई नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिया। पटना के एसएसपी विकास वैभव ने बताया कि लालू प्रसाद को उनके कई समर्थकों के साथ जबर्दस्ती बंद कराने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया है। पटना के कोतवाली थाना में लालू प्रसाद के खिलाफ धारा 147, 149, 341, 353, 323, 332, 431, 504, और 506 के अंतर्गत एफआइआर दर्ज किया गया है।
आम लोगों को आज के बंद में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पटना में सुबह दफ्तर जाने के लिए निकले लोगों को राजद समर्थकों ने जबरन वापस लौटा दिया। जिन्होंने आगे जाने का प्रयास किया उन्हें बंद करा रहे लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। सड़कों पर चल रही कारों, ऑटो, रिक्शा आदि को नुकसान पहुंचाया गया और उनके टायरों की हवा निकाल दी गई। पूरे राज्य भर से इसी तरह की खबरें आती रहीं।
राजधानी पटना में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद खुद सड़कों पर उतरे और कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की। लालू यादव आज अपने चीर परिचित अंदाज में शहर को बंद करवाने के लिए एक टमटम पर सवार होकर पटना की सड़कों पर निकले। लालू यादव ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जल्दि जारी करने की मांग करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। पार्टी के सदस्यों के साथ मार्च करते हुए लालू ने कहा, बिहार पूरी तरह से बंद है। जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की हमारी मांग को व्यापक समर्थन है और राज्य भर में जनता ने बंद को समर्थन दिया है। लालू ने कहा कि यदि ये आंकड़े जल्दी जारी नहीं किए जाते हैं तो उनकी पार्टी आंदोलन तेज करेगी।
राजद नेताओं ने आज के बंद को वंचितों और गरीबों के लिए यह स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई बताया। लालू प्रसाद ने बंद के दौरान सड़कों पर होने वाली गुंडागर्दी में राजद कार्यकर्ताओं के शामिल होने से इंकार करते हुए कहा कि राज्य के युवाओं ने भाजपा की हवा निकाल दी है। उन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद से हटाने का भी आह्वान किया।
राज्य के अन्य जिलों में भी यही स्थिति देखने को मिली। राष्टीय राजमार्ग संख्या 31, 83 और 110 को कई स्थानों पर बाधित किया गया। बेगुसराय, भागलपुर, भोजपुर, गोपालगंज, अरवल शहर, पूर्वी चंपारण, पुर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, गया में भी लोगों को इस एक दिवसीय बंद के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार राजक बताया कि राज्य में कई जगहों पर बंद समर्थकों द्वारा रेल सेवाएं को बाधित किए जाने की खबर है। पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस को जहानाबाद स्टेशन पर रोक दिया गया जबकि हाटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेसस को पटना के दनियावां के पास रोक दिया गया।
अधिकारियों ने कहा कि राजद द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान दुकानें बंद रहीं। कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को जबरन बंद कराया गया। राष्टीय राजमार्गों समेत कई सड़कें बाधित कर दी गईं और वाहनों में तोड़फोड़ किया गया। समर्थकों ने पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों की कक्षाएं बाधित कीं और कॉलेजों को जबरन बंद करा दिया। राजद समर्थकों की फौज हाथों में लाठियां और डंडे लिए हुए शहर की सड़कों पर देखी जा सकती थी। इन लोगों को राजधानी के व्यस्ततम मार्गों पर टायर और बांस जलाते हुए देखा गया।
हालांकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार बंद का आह्वान करते हुए अपने समर्थकों से कहा था कि वे इस बंद को लागू करते समय रेल सेवाओं को बाधित न करें। लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी इस अपील का समर्थकों पर कोई असर नहीं हुआ।