'सूट-बूट वाले जीजा जी' और जांच का शिकंजा
जमीन सौदों को लेकर विवादों में घिरे राॅबर्ट वाड्रा के खिलाफ हरियाणा सरकार ने जांच आयोग का गठन कर अपना चुनावी वादा पूरा कर दिया है। गुड़गांव के सेक्टर 83 में कालोनियां विकसित करने के लिए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को मिले लाइसेंस की जांच अब दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एस.एन ढींगरा करेंगे। उनकी अध्यक्षता में एक सदस्य जांच आयोग का गठन किया गया है। गुरुवार देर शाम हरियाणा सरकार के अाधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि आयोग अपनी पहली बैठक से छह महीने के भीतर रिपोर्ट दे देगा। गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में भी वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी सहित कई कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की बात कही गई थी।
वाड्रा के जमीन सौदों की जांच के वादे के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार ने उन्हें घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। इससे पहले राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रो.रामविलास शर्मा ने मीडिया से कहा था कि जांच आयोग के गठन की अधिसूचना 15 मई तक जारी हो जाएगी। यही नहीं, आयोग पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए अन्य जमीनी सौदों की जांच भी करेगी। केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कांग्रेस जिस प्रकार संसद के अंदर और बाहर भाजपा को घेरने में जुटी है, माना जा रहा है कि अब भाजपा ने भी वाड्रा के बहारे कांग्रेस पर निशाना साधा है।
प्रदेश सरकार ने वाड्रा के जमीन संबंधी सौदों के दस्तावेज केंद्र सरकार को भिजवाए थे। जांच के जरिए न केवल वाड्रा बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को घेरने की तैयारी भी हो रही है। वाड्रा की कंपनी ने गुड़गांव जिले के मानेसर में वर्ष 2008 के दौरान 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेची थी। उस समय हुड्डा सरकार की मंजूरी से इस जमीन के भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) के बाद डीएलएफ को बेचा गया था। यह जमीन वाड्रा की कंपनी ने मात्र 15 करोड़ रुपये में खरीदी थी। सीएलयू के बाद अचानक इसकी कीमत कई गुना बढ़ गई थी।
छिपाने के लिए कुछ नहीं - रॉबर्ट वाड्रा
हरियाणा सरकार की ओर से जांच आयोग के गठन पर राॅबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। वाड्रा के फेसबुक पेज पर लिखा है कि हमें जांच के नतीजे का इंतजार करना चाहिए। उनके और उनसे जुड़े किसी व्यक्ति के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। पूरी तरह पारदर्शी तरीके से कानून का पालन किया गया था।