हरियाणा: जाटों का प्रदर्शन हुआ हिंसक, एक की मौत कई घायल
हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जाटों का आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया। जिसके चलते पुलिस को उपद्रव कर रही भीड़ पर गोलियां चलानी पड़ी। स्थिति के बिगड़ने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया है। यह जानकारी हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने दी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोहतक बाईपास के पास एकत्र हुए प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने वहां खड़े पुलिस वाहनों पर कथित रूप से हमला बोल दिया। जिससे वाहनों की खिडकियों के शीशे टूट गए।
हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा और गोलियां चलानी पड़ी। भीड़ ने समीप में स्थित हरियाणा के वित्त मंत्री अभिमन्यु के निजी आवास पर भी हमला बोल दिया। पुलिस ने कहा कि भीड़ ने मकान के बाहर खड़ी एक कार में आग लगा दी और मकान में भी आगजनी का प्रयास किया। पुलिस की ओर से बताया गया कि स्थिति को हाथ से बाहर निकलते देख सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाईं जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और करीब 21 अन्य घायल हो गए। परास्नातक चिकित्सा विज्ञान एवं अस्पताल संस्थान के अधिकारियों ने बताया, एक अज्ञात व्यक्ति की मौत गोलियों से लगी चोट के कारण हो गई है। आंदोलन के कारण रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। हालांकि अधिकारियों ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले में इंटरनेट और मोबाइल एसएमएस सेवा पहले ही बंद करवा दी थी।
इससे पहले जाट नेताओं ने आज समुदाय को ओबीसी के तहत आरक्षण देने के लिए कोई कानून पारित किये जाने तक अपना आंदोलन वापस लेने से इंकार कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर समुदाय के नहीं होने के कारण उनकी मांग का विरोध करने का आरोप लगाया। इस बीच राज्य सरकार ने गतिरोध समाप्त करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। आंदोलन के कारण रोहतक, जींद, भिवानी, सोनीपत और हिसार सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में दूध, सब्जी, एलपीजी और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने के चलते हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है।
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जाट समुदाय ने खट्टर की ओर से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए कोटा बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उन्होंने पानीपत में कई स्थानों पर सड़क जाम किया जिससे उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है।