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23 September 2017

देर रात तक डटी रहीं बीएचयू की छात्राएं, बदलना पड़ा पीएम का रूट

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जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मां गंगा ने मुझे बुलाया है” कहते हुए बनारस को अपना संसदीय क्षेत्र बनाया, तब से आज तक शायद ही कभी उनकी मौजूदगी के दौरान ऐसा विरोध-प्रदर्शन हुआ, जिसके कारण उनके काफिले का रूट बदलना पड़ा। 

एंटी रोमियो स्क्वाड की पोल खोलती हुई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं ने छेड़छाड़ से त्रस्त आकर सिंहद्वार पर चक्क जाम कर दिया। पीएम के दौरे से एक दिन पहले ही छेड़छाड़ की घटना ने छात्राओं के गुस्से को इतना भड़का दिया कि वे सड़कों पर उतर आई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले का रास्ता बदलना पड़ा। छेड़छाड़ के आरोपी युवकों की गिरफ्तारी और अपनी सुरक्षा की मांग लेकर को लेकर प्रदर्शनकारी छात्राएं पिछले 24 घंटे से बीएचयू मेन गेट पर डटी हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी के काफिले को बीएचयू गेट से होते हुए मानस मंदिर और दुर्गाकुंड मंदिर पहुंचना था। लेकिन बीएचयू गेट पर छात्राओं के धरने-प्रदर्शन की वजह से पीएम को बीएचयू-लंका रोड के बजाय गांधीनगर-साकेत नगर के रास्ते मंदिर ले जाया गया।संभागीय आयुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वीआईपी मूवमेंट के लिए सुरक्षा के मद्देनजर कई रूट रिजर्व रखे जाते हैं। इनमें से किसी भी इस्तेमाल हो सकता है। हालांकि, उन्होंने कल पीएम के काफिला का रूट बदलने का कारण नहीं बताया।

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सुबह से रात तक डटी रहीं छात्राएं

पीएम और सीएम की मौजूदगी के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय के अधिकारी दिन भर छात्राओं को मनाने में जुटा रहे। लेकिन प्रदर्शनकारी छात्राएं कुलपति को धरना स्थल पर बुलाने और चीफ प्रॉक्टर ओमकारनाथ सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़ी रहीं। चीफ प्रॉक्टर के नाम लिखे एक पत्र में लड़कियों ने कहा है कि उनके हॉस्टल तक आने-जाने का रास्ता सुरक्षित नहीं है। अक्सर छेड़छाड़ और बदतमीज़ी की घटनाएं होती हैं। उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। बीएचयू की छात्राओं के इस संघर्ष को जेएनयू समेत देश भर के कई विश्वविद्यालयों से छात्रों का समर्थन मिल रहा है।  

 राज्य सरकार की किरकिरी

ऐसे समय जब पीएम मोदी, सीएम योगी समेत केंद्र व राज्य के कई मंत्री बनारस में मौजूद हैं, बीएचयू गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं के धरने-प्रदर्शन से राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई। बीएचयू मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रही एक छात्रा ने तो विरोध जताते हुए अपना सिर भी मुंडवा लिया। 

गुरुवार की घटना से भड़का मामला 

गुरुवार शाम बीएचयू हॉस्टल की एक छात्रा के साथ बाइक सवार अज्ञात युवकों ने छेड़छाड़ की थी। इस घटना से घबराई छात्रा ने आसपास के लोगों से मदद की गुहार लगाई। लेकिन पास ही मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने ध्यान नहीं दिया। आरोप हैं कि सुरक्षाकर्मियों ने उल्टे छात्रा को ही बचकर चलने की नसीहत दे डाली। हॉस्टल पहुंचकर छात्रा ने इसकी जानकारी अन्य छात्राओं को दी तो त्रिवेणी समेत अन्य गर्ल्स हॉस्टल का माहौल गरमा गया। छात्राएं रात में ही शिकायत दर्ज कराने बाहर जाना चाहती थीं, लेकिन हॉस्टल के गेट नहीं खोले गए। 

विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये पर सवाल 

आरोप हैं कि जब छात्राओं ने बीएचयू के प्रोक्टॉरियल बोर्ड से गुरुवार की घटना की शिकायत करने चाही तो उन्हें छह बजे के बाद हॉस्टल से बाहर न जाने की हिदायत दी गई। पीएम के दौरे का हवाला देकर शांत रहने का कहा गया। छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने इसकी शिकायत वार्डन से की तो उन्होंने भी छात्रा को ही डांटते हुए कहा कि, 'तुम इतनी रात को बाहर गई ही क्यों?' 

इस रवैये से गुस्साई छात्राओं ने सुबह 6 बजे गेट खुलते ही बीएचयू के मुख्य द्वार को जाम कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका साथ देने के महिला महाविद्यालय और आईआईटी-बीएचयू की छात्राएं भी पहुंची तो प्रदर्शन तेज हो गया। शुक्रवार देर रात तक बीएचयू के मेन गेट पर छात्र-छात्राओं की भीड़ जमा थी।  

बेअसर रही बलपूर्वक उठाने की चेतावनी 

पीएम के आने से पहले पुलिस ने कई बार छात्राओं को बलपूर्वक उठाने की भी चेतावनी दी लेकिन कोई असर नहीं हुआ। उल्टे छात्राओं ने ही पीएम के काफिले को रोकने की चेतावनी दे डाली। उधर, पीड़ित छात्रा की तहरीर पर दो अज्ञात बाइक सवारों के खिलाफ लंका थाना में छेड़खानी का केस दर्ज कर लिया गया।

बीएचयू के प्रवक्ता डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्राओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। छात्राओं का मांग पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को मिल चुका है। कुलपति ने इन मांगों पर विचार करने के लिए एक कमेटी का फैसला किया है। छात्राओं के विरोध प्रदर्शन को अनुचित बताते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए छात्राओं को भड़काया जा रहा है। 

छेड़खानी और अश्लील इशारों से छात्राएं परेशान 

बीएचयू की प्रदर्शनकारी छात्राओं का कहना है कि छेड़छाड़ की वजह से उनका हॉस्टल से निकलना मुश्किल हो गया है। हॉस्टल की खिड़कियों पर लड़के पत्थर में लेटर लिखकर फेंकते है। उन्हें अश्लील इशारे करते हैं। इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई के बजाय उल्टे लड़कियों को ही संभलकर रहने नसीहत दी जाती है। कहा जाता है कि शाम 6 बजे के बाद बाहर न निकलें।

 

 

 

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TAGS: BHU Girls, BHU Protest, PM Modi Visit, route change, Varanasi
OUTLOOK 23 September, 2017
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