सतना अपहरण: अगवा हुए जुड़वा बच्चों का मिला शव, कमलनाथ ने भाजपा पर साधा निशाना
मध्य प्रदेश के सतना जिले में चलती स्कूल बस से अगवा किए बच्चों का शव 12 दिन बाद उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के अगोसी घाट से बरामद किया गया है। बच्चों को ढूंढने के लिए दो राज्यों की पुलिस और एसटीएफ लगी हुई थी। शनिवार सुबह ही परिजनों और चित्रकूट वासियों ने कहा था कि अगर 36 घंटे में मासूम नहीं मिले तो चित्रकूट में उग्र प्रदर्शन होगा।
वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष डरा हुआ है क्योंकि उनके लोग इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने पीड़ितों के पिता से बात की। इसके पीछे की राजनीति का भी खुलासा होगा। जो लोग उस गाड़ी से जा रहे थे, उस पर किसका झंडा लगा हुआ था, पुलिस इसका खुलासा कर रही है। विपक्ष डरा हुआ है क्योंकि उनके लोग इसमें शामिल हैं।‘
पुलिस को मिले थे सुराग
इससे पहले अपह्रत किए गए दो जुड़वां भाइयों के मामले में पुलिस को अहम सुराग मिले थे। पुलिस को यह जानकारी मिली थे कि किडनैपर उत्तर प्रदेश से हो सकते हैं। मामले में एमपी सरकार ने तत्काल यूपी सरकार के साथ मिलकर दल गठित कर दिया था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मामले में संज्ञान लिया था। सीएम ने डीजीपी वीके सिंह से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी और अपहरणकर्ताओं को जल्द गिरफ्तार करने के दिए निर्देश दिए हैं हालांकि अब यह नहीं बताया गया कि बच्चों के अपहरण के पीछे किसका हाथ था।
चित्रकूट में हुई थी घटना
यह घटना चित्रकूट में तब हुई जब बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश ने बस को रुकवाया और उस पर चढ़ गए, उसके बाद उन्होंने बंदूक की नोंक पर बच्चों का अपहरण किया। वारदात में साढ़े पांच लाख के इनामी अंतरराज्यीय गैंग सरगना बबुली कौल का हाथ होने की आशंका जताई जा रही थी। अपह्रत बच्चे पांच वर्षीय श्रेयांश और प्रियांश रावत जुड़वां भाई हैं और उनके पिता ब्रजेश रावत हिमशंकर विजय तेल के बड़े कारोबारी हैं।