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17 October 2019

दिल्ली के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 37 फीसदी बढ़ोतरी का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

दिवाली से पहले दिल्ली के श्रमिकों के लिए अच्छी खबर आई है। दिल्ली में कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 37 फीसदी बढ़ोतरी का रास्ता ढाई साल बाद साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की एक अधिसूचना को मंजूरी दे दी है जिसमें उसने न्यूनतम वेतन 37 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था।

हाई कोर्ट ने अधिसूचना पर लगाया था स्टे

दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली सरकार की इस अधिसूचना पर स्थगनादेश जारी किया था। दिल्ली के तमाम नियोक्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि न्यूनतम वेतन बढ़ने से उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा।

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श्रमिकों को अब मिलेगा इतना वेतन

जस्टिस यू. यू. ललित और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने सोमवार को एक आदेश में कहा कि हम दिल्ली सरकार को अधिसूचना के मसौदे को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की अनुमति देते हैं और निर्देश देते हैं कि जब तक यह अधिसूचना प्रभावी नहीं हो जाती, तब तक तीन मार्च 2017 की अधिसूचना की शर्तें 31 अक्टूबर 2018 के आदेश के अनुसार लागू की जाएं। दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन अकुशल श्रमिकों के लिए 14,842 रुपये और क्लर्क और सुपरवायजरी स्टाफ (हाईस्कूल से कम शिक्षि) के लिए 16,341 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव किया था।

इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को अधिसूचना से कोई शिकायत है तो वह कानून के मुताबिक कदम उठा सकता है। दिल्ली सरकार के अनुसार सभी स्थायी, अनुबंधित, अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को इस प्रस्ताव से फायदा मिलेगा।

नियोक्ताओं की आपत्तियां खारिज

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नियोक्ताओं की आपत्तियां सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है क्योंकि उसने वेतन वृद्धि अधिसूचना पर अपना फैसला दिया है। दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने वेतन संशोधन के लिए न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के सेक्शन 5(1)(बी) के प्रावधानों के तहत प्रक्रिया अपनायी थी।

वेतन सलाहकार बोर्ड ने किया विचार

न्यूनतम वेतन अधिनियम के सेक्शन 7 के तहत गठित दिल्ली न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड में सदस्य के तौर पर नामित करने के लिए सरकार ने विभिन्न श्रम संगठन, बाजार एसोसिएशन, फैक्ट्री ओनर्स एसोसिएशन और नियोक्ता संगठनों से एक-एक व्यक्ति के नामों की सिफारिश भेजने को कहा था। इन संगठनों से नामांकन मिलने के बाद जनवरी 2019 में दिल्ली के उप राज्यपाल की अनुमति से सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया था। उसके बाद से न्यूनतम वेतन निर्धारण के लिए सभी पक्षों से मिले सुझावों पर विचार करने के लिए बोर्ड की चार बैठकें हो चुकी हैं।

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TAGS: minimum wages, Delhi govt, workers, AAP, Arvind kejriwal
OUTLOOK 17 October, 2019
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