वरिष्ठ निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बेटी की बीमारी के नाम पर एक माह की मिली अंतरिम जमानत
मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार निलंबित वरिष्ठ आईएएस पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। पूजा सिंघल को अदालत से एक माह की अंतरिम जमानत मिल गई है। खूंटी में मनरेगा घोटाला के सिलसिले में पिछले 11 मई को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। बेटी की बीमारी के नाम पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय ओठा की पीठ ने सुनवाई के बाद अंतरिम जमानत का निर्णय किया। सुनवाई की अगली तारीख 6 फरवरी को मुकर्रर की गई है। झारखंड उच्च न्यायालय से पिछले साल तीन नवंबर को जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूजा सिंघल ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
हाई कोर्ट ने यह कहकर याचिका खारिज की थी कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी की जमानत का कोई आधार नहीं बनता। सात माह 23 दिन न्यायिक हिरसात में रहने के बाद खुली हवा में सांस लेने का रास्ता साफ हुआ है। इस शर्त के साथ अंतरिम जमानत दी गई है कि उन्हें इस अवधि में दिल्ली-एनसीआर में ही रहना होगा।
बता दें कि करीब 12-13 साल पहले खूंटी के मनरेगा घोटाला के सिलसिले में ईडी ने देश के विभिन्न हिस्सों में पूजा सिंघल और उनसे जुड़े लोगों के ठिकाने पर रेड किया था। रेड के दौरान ही उनसे जुड़े सीए के यहां से 19 करोड़ रुपये नकद बरामद किये गये थे। रेड पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के रांची स्थित अस्पताल में में भी किया गया था। जिस समय रेड पड़ा था पूजा सिंघल खान विभाग और उद्योग विभाग के सचिव का काम देख रही थीं। बरामद दस्तावेज और खान अधिकारियों से पूछताछ के क्रम में खनन घोटाले में भी इनकी संलिप्तता ईडी ने पाई।