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27 January 2016

अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन की मजबूरी बताए केंद्रः सुप्रीम कोर्ट

आउटलुक फाइल फोटो

कांग्रेस की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के वकील से वो रिपोर्ट पेश करने को कहा जिसके आधार पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि राज्यपाल की ओर से अदालत को सारी जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। किन हालातों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, यह जानकारी हमारे लिए बेहद जरूरी है। अदालत ने राज्यपाल के वकील से कहा कि 15 मिनट में वह रिपोर्ट मुहैया करवाइए। इस पर वकील द्वारा एक दिन का वक्त मांगने पर अदालत ने कहा कि उसे ई-मेल से मंगाइए, उसके लिए आपको ईटानगर जाने की जरूरत नहीं। इसके बाद फाइल कोर्ट में लाई गई। राज्यपाल की ओर से उनके वकील ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश वाली रिपोर्ट की गोपनीयता बनाए रखने का न्यायालय से अनुरोध किया। कांग्रेस ने राज्यपाल की इस दलील का विरोध किया।

 

सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश कांग्रेस पार्टी की 25 जनवरी को दायर की गई उस याचिका पर सुनाया है जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश को चुनौती दी गई है। एक दिन पहले ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्र सरकार की सिफारिश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दी थी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सुनवाई हुई। हालांकि सुनवाई की शुरुआत में अदालत ने कांग्रेस से अपनी याचिका में सुधार करने को कहा। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम समझ सकते हैं कि आपातकालीन हालात हैं, लेकिन याचिका में कई खामियां हैं। उनको सही कीजिए। कोर्ट ने कहा कि मामला जरूरी था, लेकिन इस तरह के गंभीर मामलों में याचिका दाखिल करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। 

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कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां भी अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का विरोध कर रही हैं। जबकि भाजपा और केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनजर केंद्रीय शासन लगाना जरूरी था। अरुणाचल प्रदेश में पिछले साल के दिसंबर महीने में उस समय राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था जब 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के 47 में से 21 विधायकों ने पार्टी औप मुख्यमंत्री से बगावत करते हुए भाजपा के 11 विधायकों से हाथ मिला लिया। बगावती खेमे ने मुख्यमंत्री नाबाम तुकी को हटाने की मांग के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के किलाफ भी मोर्चा खोल दिया था।

 

 

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TAGS: अरुणाचल प्रदेश, राष्ट्रपति शासन, केंद्र, कांग्रेस, याचिका, सुप्रीम कोर्ट, राज्यपाल, संविधान पीठ, राजनीति, Arunachal Pradesh, President Rule, Center, Congress, Appeal, Supreme Court, Governor, Constitutional Bench, Politics
OUTLOOK 27 January, 2016
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