कर्नाटक: निर्दलीय विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार
कर्नाटक में जारी सत्ता संकट के बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी सोमवार को सदन में बहुमत साबित कर सकते हैं। कई दिनों तक चर्चा के बाद अब फ्लोर टेस्ट होने की पूरी संभावना है। वहीं, रविवार को कांग्रेस-जेडीएस नेताओं के बीच सत्ता बचाने के लिए बैठक का दौर जारी रहा। इन सबके बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों की जल्द फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। अपनी याचिका में इन बागी विधायकों ने कहा था कि कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार किसी न किसी बहाने सदन में विश्वास मत को टालना चाहती है।
निर्दलीय विधायकों की याचिका पर कोर्ट का सुनवाई से इनकार
दो निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश का कहना कि गठबंधन सरकार से उनके समर्थन वापस लेने और कांग्रेस-जद(एस) के 16 विधायकों के इस्तीफे की पेशकश करने के बाद राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए 22 जुलाई यानी आज न्यायालय के ध्यानार्थ लाया गया जिस पर कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है।
निर्दलीय विधायकों ने दी थी याचिका
कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो विधायक केपीजेपी के आर शंकर और निर्दलीय एच नागेश ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। मुकुल रोहतगी ने अर्जी पर आज सुनवाई की मांग की। हालांकि चीफ जस्टिस ने ऐसा आदेश देने से मना कर दिया। इस मामले में कोर्ट अब कल यानी मंगलवार को सुनवाई कर सकता है। अर्जी में कहा गया है कि बहुमत खो चुकी सरकार सदन में शक्ति परीक्षण को टाल रही है।
अपनी याचिका में क्या कहा है विधायकों ने
अपनी याचिका में शंकर और नागेश ने एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार को 22 जुलाई को शाम पांच बजे से पहले शक्ति परीक्षण करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। निर्दलीय विधायकों ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार के अल्पमत में जाने के बावजूद विश्वास मत नहीं कराया जा रहा है। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए निर्देश देने की शीर्ष न्यायालय से मांग की है।
रविवार को कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के साथ कुमारस्वामी ने की बैठक
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने रविवार को कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के साथ ताज होटल में बैठक की। वहीं, बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने फिर से कहा कि सोमवार को गठबंधन सरकार का आखिरी दिन होगा। उधर, मुंबई में मौजूद बागी विधायकों ने कहा, हम यहां सिर्फ गठबंधन (कांग्रेस-जेडीएस) सरकार को सबक सिखाने के लिए आए हैं। इसके अलावा कोई दूसरा मकसद नहीं है। हम यहां पैसे या किसी दूसरी चीज के लालच में नहीं आए। एक बार सबकुछ ठीक हो जाए, बेंगलुरु लौट जाएंगे।
कई दिनों से सरकार बचाने की कोशिशों में जुटी है कांग्रेस-जेडीएस
बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस पिछले कई दिनों से सरकार बचाने की कोशिशों में जुटी है, लेकिन बागी विधायकों को मनाने में कामयाब नहीं रही। बागी विधायक किसी भी कीमत पर लौटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में फ्लोर टेस्ट के बाद सरकार का बहुमत साबित करना मुमकिन नहीं दिख रहा।