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16 February 2016

अरुणाचल: नई सरकार के गठन पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार

फाइल फोटो

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने कांग्रेस नेताओं की यह प्रार्थना ठुकरा दी कि संकटग्रस्त राज्य में यथास्थिति बनाई रखी जाए और किसी नई सरकार के गठन की अनुमति नहीं दी जाए। पीठ ने कहा, हमने इंजंक्शन (रोक) पर आपकी दलीलें सुन ली हैं। हमारा कोई आदेश पारित करने का विचार नहीं है और हम गुणदोष के आधार पर मामले की सुनवाई करेंगे। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति एनवी रमण थे।

 

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को जब यह पता चला कि कांग्रेसी नेता राज्य में संभावित राजनीतिक घटनाक्रम पर यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध कर रहे हैं, वह अदालत पहुंचे। उन्होंने कहा कि अदालतें किसी संवैधानिक प्राधिकार को कोई फैसला लेने से रोक नहीं सकतीं। उन्होंने आवेदन का विरेाध करते हुए कहा, अदालतें संवैधानिक प्राधिकार के फैसले को निरस्त कर सकती हैं लेकिन यह आवेदन पूरी तरह से गलत है। आज या कल राष्ट्रपति शासन हटाया जाना है और सरकार बनाई जानी है। इस आवेदन में कांग्रेसी नेताओं ने चिंता जताई कि राष्ट्रपति शासन की घोषणा वापस लिए जाने की संभावना है।

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इसके बाद पीठ ने अरूणाचल प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकीलों फली एस नरीमन और कपिल सिब्बल से कहा कि अगर वे इस आदेश को स्वीकार नहीं करते हैं तो वे गुणदोष के आधार पर दलीलें दें। सुनवाई के दौरान, सिब्बल ने राज्यपाल की तरफ से जारी कथित प्रेस नोट का हवाला दिया और कहा कि राज्यपाल सदन के अयोग्य ठहराए गये एक बागी कांग्रेसी नेता को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ कैसे दिला सकते हैं। सिब्बल ने यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश का अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत द्वारा याचिकाओं पर फैसला करने तक राज्य में किसी नई सरकार को शपथ नहीं दिलाई जाए।

 

इसके बाद पीठ ने अटॉर्नी जनरल का नजरिया जानने के लिए पूछा कि अगर वह अरूणाचल प्रदेश के नेताओं की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश देती है तो संसद क्या करेगी। रोहतगी ने जवाब दिया कि संसद ने अब तक राष्ट्रपति शासन की पुष्टि नहीं की है और इस अदालत का जो भी फैसला होगा, एकमात्र जवाब सदन में शक्ति प्रदर्शन होगा।

 

 

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TAGS: उच्चतम न्यायालय, कांग्रेस, नेता, अंतरिम आदेश, अरूणाचल प्रदेश, राज्यपाल, जेपी राजखोवा, राष्ट्रपति शासन, सरकार, शपथ, न्यायमूर्ति, जेएस खेहड़, दीपक मिश्रा, एमबी लोकुर, पीसी घोष, एनवी रमण, मुकुल रोहतगी, कपिल सिब्बल, फली एस नरीमन
OUTLOOK 16 February, 2016
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