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25 August 2023

सुप्रीम कोर्ट का फैसला- मणिपुर हिंसा से संबंधित सीबीआई मामलों की सुनवाई पड़ोसी राज्य असम में होगी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा से संबंधित सीबीआई मामलों की सुनवाई पड़ोसी राज्य असम में होगी। साथ ही कोर्ट ने गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामलों से निपटने के लिए एक या अधिक न्यायिक अधिकारियों को नामित करने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कई अहम फैसले सुनाए हुए कहा कि आरोपियों की पेशी, रिमांड, न्यायिक हिरासत और इसके विस्तार से संबंधित न्यायिक प्रक्रियाएं गौहाटी में एक निर्दिष्ट अदालत में ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। इसमें कहा गया है कि आरोपी की न्यायिक हिरासत, यदि और जब भी दी जाती है, पारगमन से बचने के लिए मणिपुर में की जाएगी।

पीठ ने पीड़ितों, गवाहों और सीबीआई मामलों से संबंधित अन्य लोगों सहित व्यक्तियों को नामित गौहाटी अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होने की अनुमति दी, यदि वे ऑनलाइन उपस्थित नहीं होना चाहते हैं। मणिपुर सरकार को गौहाटी अदालत में ऑनलाइन मोड के माध्यम से सीबीआई मामलों की सुनवाई की सुविधा के लिए उचित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का निर्देश भी दिया गया है।

बता दें कि शीर्ष अदालत ने 21 अगस्त को मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास की निगरानी के लिए न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति नियुक्त की थी। 10 से अधिक मामले, जिनमें दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामला भी शामिल है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया।

यह देखते हुए कि कई मणिपुर निवासियों ने जातीय संघर्ष में अपने पहचान दस्तावेज खो दिए होंगे, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने शीर्ष अदालत से राज्य सरकार और यूआईडीएआई सहित अन्य को कई निर्देश पारित करने का आग्रह किया है। ताकि विस्थापित लोगों को आधार कार्ड उपलब्ध कराए जाएं और पीड़ितों की मुआवजा योजना को व्यापक बनाया जाए।

पैनल ने अपनी कार्यप्रणाली को सुविधाजनक बनाने के लिए पहचान दस्तावेजों के पुनर्निर्माण, मुआवजे के उन्नयन और डोमेन विशेषज्ञों की नियुक्ति की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए तीन रिपोर्ट प्रस्तुत की थीं।

विदित हो कि राज्य में 3 मई को पहली बार भड़की जातीय हिंसा के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आयोजन किया गया था, तभी से दंगे भड़के थे।

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TAGS: Supreme Court, transfers CBI cases, Manipur violence, Assam, Gauhati HC CJI, Nominate trial judges
OUTLOOK 25 August, 2023
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