हिंसा में शामिल होने के लिये बच्चों को भड़का रहे हैं अलगाववादी: महबूबा
महबूबा ने कहा, मेरे सहयोगियों को यह भय है कि मैं कुछ कह सकती हूं। यद्यपि मैंने हमेशा ही सच बोला है। जिस तरह से एक मां अपने बच्चों को तब थप्पड़ मारती है जब वह एक गर्म कांगड़ी छूने का प्रयास करता है, उसी तरह से मैं अपने लोगों को बचाने के लिए एेसा करूंगी। उन्होंने एक सरकारी कार्यक्रम में मातृत्व का इस्तेमाल करते हुए कहा, मैं नाराज होउंगी, मैं सच बोलूंगी और उन्हें (सड़क पर प्रदर्शन के दौरान) बच्चों को ढाल की तरह से इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दूंगी।
उन्होंने विश्वास जताया कि घाटी इस तकलीफ से बाहर आ जाएगी क्योंकि उनके इरादे नेक हैं। उन्होंने कहा, बहुसंख्यक लोग मुद्दे का सम्मानजनक हल चाहते हैं। कोई भी हिंसा नहीं चाहता, केवल उनको छोड़कर जिन्हें इस हिंसा का प्रभाव का सामना नहीं करता है क्योंकि उनके अपने बच्चे घाटी के बाहर पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, वे बच्चों को गोलियों, पैलेट और आंसू गैस का सामना करने के लिए कहते हैं लेकिन स्वयं एक पुलिसकर्मी से भी डरते हैं। महबूबा ने अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे घाटी के बच्चों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के बाद कर रहे हैं कि उनके अपने बच्चे बाहर पढ़ें। उन्होंने यद्यपि उम्मीद जतायी कि स्थिति सामान्य होगी। महबूबा ने कहा, समय हमेशा इस तरह का नहीं रहेगा लेकिन घाव बच्चों के दिल में रहेंगे जो इन लोगों ने दिये हैं। आज लोगों को मेरे शब्द कड़वे लग सकते हैं लेकिन उन्हें बाद में समझ आएगा कि मैंने इसलिए कहा क्योंकि मैंने लोगों को रात में सड़कों पर घूमते और बच्चों को प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए भड़काते हुए देखा।