एमसीए ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकृति दी, अध्यक्ष पद छोड़ेंगे पवार
रविवार को यहां प्रबंधन समिति की बैठक के बाद प्रेस काफ्रेंस में महाराष्ट के 75 साल के नेता पवार ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले को स्वीकार कर लिया है। जो लोढ़ा समिति की अनुशंसा के आधार पर क्रिकेट प्रशासकों की उम्र को 70 साल तक सीमित करता है। पवार आईसीसी और बीसीसीआई दोनों के अध्यक्ष रहे हैं।
पवार ने हालांकि कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए एमसीए के पास छह महीने का समय है, जिसका मतलब हुआ कि उन्हें तुरंत अपना पद नहीं छोड़ना होगा। उन्होंने कहा, मैं न्यायपालिका का सम्मान करता हूं और मैं खुश हूं और क्रिकेट प्रशासन से संन्यास के लिए तैयार हूं। जैसा कि आपको पता है कि बीसीसीआई :अध्यक्ष के रूप में: और एमसीए में मेरे रहने के दौरान क्रिकेट के समर्थन में कई चीजें हुई।
एमसीए प्रमुख ने कहा कि राज्य संघ अब उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप अपने संविधान को दोबारा तैयार करने की प्रक्रिया में है। पवार ने कहा, हमने लोढा समिति की सिफारिशों और उच्चतम न्यायालय के फैसले पर चर्चा की और सर्वसम्मति से उच्चतम न्यायालय की सभी सिफारिशों को स्वीकृत कर लिया। उन्होंने कहा, हम सबसे पहले अपना संविधान दोबारा तैयार करेंगे, प्रबंधन समिति से इसके मसौदे को स्वीकृत कराएंगे और इसके बाद संशोधित संविधान को पारित कराने के लिए आम सभा की विशेष बैठक बुलाएंगे। हमारे पास छह महीने का समय है।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद 70 बरस से अधिक की उम्र के कारण एमसीए अध्यक्ष पद छोड़ने को बाध्य पवार ने कहा कि एमसीए को सिर्फ एक राज्य-एक मत के मामले में बीसीसीआई से स्पष्टीकरण चाहिए। उन्होंने कहा, एम एक राज्य-एक मत के फैसले का समर्थन करते हैं। लेकिन महाराष्ट्र राज्य में तीन संघ- मुंबई क्रिकेट संघ, महाराष्ट क्रिकेट संघ और विदर्भ क्रिकेट संघ हैं। फैसले के अनुसार हमें बारी बारी से बीसीसीआई में प्रतिनिधित्व मिलेगा। भाषा एजेंसी