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24 April 2021

शिवसेना के मुखपत्र ने कोरोना स्थिती पर उठाए सवाल, कहा- यदि सुप्रीम कोर्ट इसे पहले संज्ञान में लेता तो ये नौबत नहीं आती

file photo

देश में कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए शिवसेना के मुख पत्र सामना ने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए गए हैं। मुख पत्र में कहा गया कि यदि कोविड को पहले ही संज्ञान में ले लिया जाता तो स्थिति इतनी बिगड़ नहीं पाती।

मुखपत्र सामना का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अब देश में कोविड की स्थिति का संज्ञान लिया है। यदि ये काम सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक नेताओं, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री द्वारा किए गए रोड शो और हरिद्वार कुंभ के दौरान सही समय पर करता तो ऐसी स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।

देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बीच स्वास्थ्य व्यवस्थ्या ठीक से नहीं मिलने के कारण हाहाकार मचा हुआ है। लगातार मिल रही कई शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संक्रमण के तहत कई मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है।

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इस स्थिती में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामलों के लिए उनके पास कौन सा नेशनल प्लान है। एससी ने केंद्र से चार अहम मुद्दों पर नेशनल प्लान मांगा है पहला ऑक्सीजन सप्लाई, दूसरा दवाई की सप्लाई, तीसरा वैक्सीन देने का तरीका और चौथा लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्य को हो कोर्ट को नहीं।

बता दें भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,46,786 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,66,10,481 हुई। 2,624 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,89,544 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 25,52,940 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,38,67,997 है।

 

 

 

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TAGS: शिवसेना के मुख पत्र सामना, सुप्रीम कोर्ट, देश में कोविड की स्थिती, देश में फैलता संक्रमण, सुप्रीम कोर्ट का फैसला, Shiv Sena mouthpiece Saamana, Supreme Court, Covid's position in the country, Transition spreading in the country, Supreme Court verdict
OUTLOOK 24 April, 2021
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