शिवसेना कल मनाएगी 50वीं वर्षगांठ
मराठी मानुष की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए बाल ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना की स्थापना की थी। जिसके बाद देश के बाकी राज्यों में भी क्षेत्रीय अस्मिता आधारित राजनीति करने वाले दल उभरे और देश की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का प्रभुत्व बढ़ने लगा।
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने बताया कि पार्टी अपने स्थापना की स्वर्ण जयंती वर्षगांठ पूरे साल भर मनाने की तैयारी कर रही है। भाजपा के साथ गठबंधन में पार्टी की स्थिति के संदर्भ में राउत ने कहा कि निश्चित रूप से कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण शिवसेना इस समय महाराष्ट्र में दूसरे स्थान पर आ गई है, लेकिन पार्टी ने एक बार फिर से नंबर वन बनने की चुनौती स्वीकार की है। इसी प्रयास के तहत पार्टी पूरे साल भर अपनी 50वीं वर्षगांठ मनाएगी।
बदली परिस्थितियों में शिवसेना के लिए अपनी राजनीति को बचाए रखना और आगे बढ़ना बड़ी चुनौती है। खासकर पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से हुए अलगाव के बाद शिवसेना अपनी राजनीतिक जमीन बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि, पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में शिवसेना ने अपना अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। भाजपा से गठबंधन टूट जाने की वजह से अकेले चुनाव लड़ने के बावजूद विधानसभा में शिवसेना को 63 सीटें हासिल हुईं। और इससे पहले लोकसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने पर 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पार्टी की अगली अग्निपरिक्षा 2017 में होने वाले मुंबई महानगरपालिका के चुनावों में होगी। राज्य में गठबंधन में सरकार चलाने के कारण भाजपा सीटों के बंटवारे के लिए दबाव भी बना सकती है। जिससे निपटना शिवसेना के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।