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27 November 2017

मप्र में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप-गैंगरेप पर फांसी, शिवराज कैबिनेट ने दी मंजूरी

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एनसीआरबी की वर्ष 2015 की  रिपोर्ट के  हिसाब से राज्य में औसतन हर रोज 12 युवतियां दुष्कर्म का शिकार बन रही हैं। वहीं एक वर्ष में राज्य में 57 मामले दुष्कर्म की कोशिश के दर्ज किए गए हैं।

मध्यप्रदेश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा सकेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव सम्बन्धी विधेयक को मंजूरी दे दी है।

प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने पत्रकारों को बताया, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा संबंधी प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।"

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इस विधेयक को सोमवार से शुरू होने जा रहे सत्र में पेश किया जा सकता है। विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जायेगा। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2015 की रिपोर्ट के हिसाब से मध्य प्रदेश में बालिकाएं और महिलाएं देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। इस बात का खुलासा करती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में देश में सबसे ज्यादा 4391 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार बनी हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुष्कर्म की 34,651 वारदातें हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा वारदातें 4,391 मध्य प्रदेश में हुई हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि राज्य में औसतन हर रोज 12 युवतियां दुष्कर्म का शिकार बन रही हैं। वहीं एक वर्ष में राज्य में 57 मामले दुष्कर्म की कोशिश के दर्ज किए गए हैं और यौन उत्पीड़न के 12,887 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

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TAGS: Shivraj cabinet, approves, death sentence, rape convicts, girls of 12 years of age and below
OUTLOOK 27 November, 2017
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