इमरती देवी की धमकी से डरे शिवराज, नोटिस देने वाली अधिकारी को हटाया
ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी इमरती देवी को मकान खाली करने का नोटिस देने का अधिकारी को काफी महंगा पड़ गया है। नोटिस पर इमरती देवी ने नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचाई थी। उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उस अधिकारी ग्वालियर से दूर तबादला कर दिया। केवल इतना ही नहीं एक दूसरा आदेश जारी कर स्पष्ट किया गया कि इमरती देवी अभी भी मंत्री है।
नोटिस देखते ही इमरती देवी काफी नाराज हो गई थी, उन्होंने मकान खाली करने से साफ मना भी कर दिया था। नोटिस के जवाब में उन्होंने कहा था कि वे अभी भी मंत्री है। इस आधार पर मकान नहीं खाली कराया जा सकता है।
एक ओर सिंधिया उपचुनाव में हारने वाली इमरती देवी को निगम-मंडल में नियुक्ति के लिए दबाव डाल रहे है,जिससे उनके मंत्रि पद की सुविधाएं बनी रहे तो दूसरी ओर राज्य सरकार ने इमरती देवी को मंत्री का बंगला खानी करने का नोटिस थमा दिया था। इसे सिंधिया के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा था। यही वजह है कि शिवराज सिंह ने तत्काल कड़ा कदम उठाते हुए अधिकारी को हटाया और इमरती देवी के मंत्री होने का आदेश जारी किया।
मंत्री नहीं है बंगला खाली करें
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में चुनाव लड़े बिना ही महिला बाल विकास विभाग की मंत्री बना दी गई इमरती देवी ने ग्वालियर शहर में झांसी रोड पर स्थित बांग्ला नंबर 44-ए अपने लिए आवंटित करवा लिया था। यह ग्वालियर के वीआईपी बंगलों में से एक है। कार्यपालन यंत्री की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि मंत्री जी, वर्तमान में आपके पास कोई पद नहीं है, इसलिए आप बंगला खाली कर पीडब्ल्यूडी को सौंपें।