सिद्धू ‘आप’ के ‘स्टार’ सीएम नहीं ‘स्टार’ प्रचारक हो सकते हैं
सिंह सिद्धू ने न केवल क्रिकेट के मैदान में बाजी मारी बल्कि वह जुमलों, मुहावरों और व्यंग्य के जरिये राजनीति में भी चौके-छक्के मारते रहते हैं। टीवी जगत में हास्य की दुनिया में छाए रहते हैं। बीते लोकसभा चुनावों में अमृतसर सीट से नवजोत सिंह सिद्धू को टिकट न देकर, पार्टी ने अरूण जेटली को टिकट दिया। जेटली को अपने विरोधी कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद से ही दोनों पति-पत्नी पार्टी से खफा थे लेकिन पार्टी ने हाल ही में सिद्धू को राज्यसभा सीट का तोहफा दिया लेकिन सिद्धू ने इस्तीफा देकर पार्टी की नींद उड़ा दी।
दरअसल सिद्धू दंपति का भाजपा हाईकमान से कहना था कि पार्टी पंजाब में अकाली दल से गठबंठन तोड़कर अकेले मैदान में आए। दोनों की यह शर्त भी थी कि पंजाब में पार्टी इन्हें कमान दे लेकिन बीते 12 सालों से पार्टी इन्हें नजरअंदाज करती आ रही थी। यहां तक कि पंजाब में आने वाले विधानसभा चुनावों में सिद्धू दंपति ने प्रचार के लिए यह शर्त रखी कि पार्टी अकाली दल से गठबंधन तोड़ दे। नवजोत कौर सिद्धू भ्रष्टाचार को लेकर कभी अकाली दल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर हमला बोलती रही हैं तो कभी उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के साले विक्रम सिंह मजीठिया पर ड्रग्स की तस्करी के आरोप लगाती रही हैं। यही नहीं पंजाब में ट्रांसपोर्ट घोटाले को भी सार्वजनिक करती रही हैं।
इस्तीफे ने कांग्रेस की चिंता बढ़ाई
सिद्धू का इस्तीफा भाजपा के लिए जितना बड़ा नुकसान है उतना ही कांग्रेस के लिए भी। भाजपा के पास पंजाब में एक भी ऐसा नहीं है, जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित और लोकप्रिय हो। नवजोत सिंह सिद्धू की छवि भी साफ-सुथरी है। हालांकि उन पर पटियाला में एक गैर इरादतन कत्ल का आरोप था लेकिन उसमें वह बाइज्जत बरी हो गए थे। अहम बात यह है कि सिद्धू जितना जाट सिखों में पसंद किए जाते हैं उतने ही हिंदुओं में भी। वह हवन आदि करवाते रहते हैं। पंजाब की आम जनता जिस प्रकार से भ्रष्टाचार और ड्रग्स से त्रसद है, उस हिसाब से सिद्धू दंपति उन्हें रास भी आते हैं। कांग्रेस की जहां तक बात है वह यह है कि उसके सामने मैदान में आम आदमी पार्टी है। जनता में इस दफा अकाली दल के प्रति काफी गुस्सा है। कांग्रेस के पास आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक अहम मुद्दा यह था कि पार्टी के पास सिख चेहरा नहीं है। खासकर जाट सिख। लेकिन अगर सिद्धू आम आदमी पार्टी ज्वाइन करते हैं तो कांग्रेस के हाथों से यह मुद्दा भी निकल जाएगा।
दूसरा जिस प्रकार से जुमलों और मुहावरों के लिए नवजोत सिंह सिद्धू जाने जाते हैं, उससे वह विरोधियों पर भारी भी पड़ते हैं। एक बात यह जरूर है कि सिद्धू के आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने की अफवाहों से आम आदमी पार्टी में भी अफरातफरी मच गई है। पार्टी के भगवंत मान और सुच्चा सिंह छोटेपुर भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाते हैं लेकिन दिल्ली स्थित आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पंजाब में पार्टी की जड़ों को खाद-पानी देने वाले नेताओं का पूरा सम्मान करती है। माना जा रहा है कि सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार न बनाकर पार्टी प्रचार की अहम जिम्मेदारी दी जाएगी।