सिद्धू की भूमिका पर आलाकमान फैसला करेगीःअमरिंदर
उन्होंने कहा, उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा, ‘सिद्धू के साथ इस संबंध में कोई बात नहीं हुई है।‘ जब पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं तो अमरिंदर ने कहा, मैं नहीं जानता हूं। यह कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला होगा। उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, पूरे (चुनाव) प्रचार को मैं देख रहा हूं और फिर भी आप मुझसे यह सवाल पूछ रहे हैं। अमरिंदर ने कहा कि सिद्धू और उनकी खुद की भूमिका पर कांग्रेस आला कमान फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि वह और क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। वे दोनों 19 जनवरी को अमृतसर में साथ में एक रोड शो करेंगे।
अमरिंदर ने दोहराया कि सिद्धू पंजाब चुनाव में कांग्रेस के लिए स्टार प्रचारक होंगे। एक सवाल के जवाब में अमरिंदर ने कहा कि कांग्रेस में सिद्धू के शामिल होने के दौरान वह नई दिल्ली में मौजूद रह सकते थे लेकिन पंजाब में प्रचार करने में व्यस्त थे। उन्होंने सिद्धू के साथ अपने मजूबत पटियाला संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि वह उन्हें तब से जानते हैं जब वह बच्चे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके और पूर्व क्रिकेटर के बीच में कोई तनाव नहीं है जो बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
अमरिंदर ने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा सांसद ने खुद कहा है कि वह पैदायशी कांग्रेसी हैं। उनके पिता का ताल्लुक पार्टी से था। उन्होंने कहा, मैं सिद्धू के परिवार को बहुत लंबे अरसे से जानता हूं। मैं नवजोत सिद्धू को उनकी युवावस्था से देख रहा हूं जब वह पटियाला में क्रिकेट खेला करते थे। उन्होंने खुद कहा है कि कांग्रेस में उनकी घर वापसी हुई है। पटियाला से नामांकन दाखिल करने से पहले पत्रकारों के कई सवालों का जवाब देते हुए अमरिंदर ने कहा कि पटियाला और लंबी दोनों ही उनके लिए अहम विधानसभा सीटें हैं और दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने पर वह सही वक्त पर यह फैसला करेंगे कि कौनसी सीट छोड़नी है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि अगर कांग्रेस अगली सरकार बनाती है तो पटियाला का विकास उनके एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा। सरकार कोष आवंटित करेगी और क्षेत्र के कल्याण के लिए पटियाला विकास प्राधिकरण को पुनर्जीवित करेगी।
एक सवाल के जवाब में अमरिंदर ने कहा कि उनकी पत्नी और निवर्तमान विधायक परणीत कौर संसदीय चुनाव लड़ेंगी जिन्होंने एक-परिवार-एक-टिकट नियम के तहत विधानसभा चुनाव के लिए सीट छोड़ी है। पीसीसी अध्यक्ष ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल जे जे सिंह की तरफ से गंभीर चुनौती को भी खारिज किया जो पटियाला में उनके खिलाफ मैदान में है। उन्होंने कहा, सेना प्रमुख रहने और फिर संप्रग द्वारा राज्यपाल बनाए जाने के बाद वह कह रहे हैं कि वह ऑपरेशन ब्लूस्टार की वजह से परेशान हैं।