मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से लिखा पत्र, जमानत पर सुनवाई से एक दिन पहले कहा- 'जल्द बाहर मिलूंगा'
आप नेता मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी दुर्दशा की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से की है और शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा कि जल्द बाहर मुलाकात होगी।
दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह उम्मीद जताई कि वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे।
उन्होंने कहा, ''जल्द ही आपसे बाहर मिलूंगा। ब्रिटिश शासकों को भी सत्ता का अहंकार था और उन्होंने झूठे मामलों में लोगों को जेल भेजा। महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला, जिन्होंने कई साल जेल में बिताए, मेरी प्रेरणा हैं।"
सिसोदिया की जमानत पर शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में सुनवाई होनी है। पूर्वी दिल्ली में अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के लोगों को लिखे पत्र में, सिसोदिया ने कहा कि अच्छी शिक्षा और स्कूलों के लिए संघर्ष चल रहा है, जैसे लोगों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था।
गिरफ़्तारी से पहले केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके सिसोदिया ने पत्र में कहा, "शिक्षा क्रांति ज़िंदाबाद। आप सभी को प्यार।" सिसोदिया ने कहा कि जेल में रहने के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति उनका प्यार बढ़ गया है और वे उनकी ताकत हैं।
सिसोदिया ने कहा, "ब्रिटिश शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ। इसी तरह, हर बच्चे को एक दिन अच्छी शिक्षा मिलेगी। विकसित देश के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी है।"