जयपुर के अस्पताल में आग लगने से छह मरीजों की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
जयपुर के सरकारी सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात आग लगने से गंभीर रूप से बीमार कम से कम छह मरीजों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस हादसे पर पीएम मोदी और राज्य के सीएम भजनलाल शर्मा ने दुख व्यक्त किया है।
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि जब स्टोर रूम में आग लगी, तब न्यूरो गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में 11 मरीजों का इलाज हो रहा था। उन्होंने बताया कि आग लगने का संभावित कारण ‘शॉर्ट सर्किट’ माना जा रहा है।
हादसे में आठ लोगों के मरने की रिपोर्ट है लेकिन डॉ. धाकड़ और एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने कहा कि आग की घटना में छह लोगों की मौत हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान पिंटू (सीकर निवासी), दिलीप (आंधी, जयपुर निवासी), श्रीनाथ, रुक्मिणी, खुरमा (सभी भरतपुर निवासी) और बहादुर (सांगानेर, जयपुर निवासी) के रूप में हुई है।
डॉ. धाकड़ ने बताया कि आईसीयू में 11 मरीज भर्ती थे इनमें से छह की मौत हो गई। इनमें दो महिलाएं और चार पुरुष हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चौदह अन्य मरीजों को एक अलग आईसीयू में भर्ती कराया गया था और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।’’
राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जयपुर की अग्निकांड की घटना पर दुख व्यक्त किया है। पीएमओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी के हवाले से लिखा कि राजस्थान के जयपुर स्थित एक अस्पताल में आग लगने से हुई जान-माल की हानि अत्यंत दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
The loss of lives due to a fire tragedy at a hospital in Jaipur, Rajasthan, is deeply saddening. Condolences to those who have lost their loved ones. May the injured recover soon: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 6, 2025
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं, अस्पताल में हुई इस घटना पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से 7 लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें। राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके।
आग लगने से इमारत में अफरा-तफरी मच गई, धुआं तेजी से पूरी मंजिल पर फैल गया और मरीजों और उनके परिजनों में दहशत फैल गई। आग में कई दस्तावेज, आईसीयू उपकरण व अन्य सामान जलकर खाक हो गए।
अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों के तीमारदारों ने मरीजों को बाहर निकाला। यहां तक कि उन्हें उनके बिस्तरों सहित इमारत से बाहर भी पहुंचाया गया। सूचना मिलने के तुरंत बाद दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पा लिया गया।
घटनास्थल पर मौजूद वार्ड बॉय विकास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आग के विकराल होने से पहले उन्होंने और अन्य कर्मचारियों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें आग की खबर मिली, तब हम ऑपरेशन थिएटर में थे, इसलिए हम तुरंत सेंटर के अंदर मौजूद लोगों को बचाने के लिए दौड़े। हम कम से कम तीन-चार मरीजों को बचाने में कामयाब रहे। हालांकि, आग की लपटें तेज होने के कारण, हम इमारत के अंदर नहीं जा सके। हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस बाद में पहुंची, लेकिन भारी धुएं के कारण वे तुरंत इमारत में नहीं जा सके। जब दमकल की टीम पहुंची, तो पूरा वार्ड धुएं से घिरा हुआ था। दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए इमारत के दूसरी तरफ की एक खिड़की तोड़नी पड़ी।
राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने स्थिति का जायजा लेने के लिए ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया।
पटेल और बेढम के वहां पहुंचने पर दो मरीजों के तीमारदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और आरोप लगाया कि आग लगने के दौरान कर्मचारी भाग गए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारी उनके मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे।
वहां मौजूद एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘हमने धुआं देखा और तुरंत कर्मचारियों को सूचित किया, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। जब आग लगी, तो वे सबसे पहले भागे। अब, हमें अपने मरीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। हम उनकी हालत जानना चाहते हैं, लेकिन कोई हमें बता नहीं रहा है।’’
बाद में, मुख्यमंत्री भी घटनास्थल पर पहुंचे और चिकित्सकों एवं मरीजों से बात की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
एक प्रवक्ता के अनुसार हादसे को देखते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने दिल्ली का सरकारी दौरा स्थगित किया है। वह लगातार घटना पर नजर रख रहे हैं।
राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए समिति बनाने की घोषणा की है। यह समिति आग लगने के कारणों, अस्पताल की आपात स्थिति से निपटने की तैयारी और प्रतिक्रिया, सुरक्षा उपायों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर विचार करेगी। इस समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान करेंगे।
समिति द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण और घटना के सभी पहलुओं की समीक्षा के बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है।