बेरोजगारी बनी मजबूरी, मां के अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, बेटे ने लगा ली फांसी
कोरोना काल की बदहाली के दौरान झारखंड के देवघर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बेटे ने शनिवार को मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने के कारण आत्महत्या कर ली। मृत युवक विवाहित था और उसके दो बेटे व एक बेटी भी थी। मां और बेटे की हुई मौत के बाद पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार देवरिया जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र के चरकीपहाड़ी गांव में रहने वाले मृतक की पहचान किशन चौधरी के तौर पर हुई है। किशन की मां पिछले तीन सालों से लगवाग्रस्त थी, हमेशा बीमार रहती थी जिसके कारण शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
मां की मौत के वक्त परिवार के सदस्य एक शादी समारोह के लिए बाहर गए हुए थे, उन्हें खबर देने के बाद सभी घर आ गए। अंधेरा होने के कारण परिवार वालों ने निर्णय लिया कि शनिवार सुबह महिला का दाह-संस्कार किया जाएगा। उसके बाद सभी सो गए तभी अचनाक से महिला का छोटा बेटा किशन रात को कमरे में खुद को बंद कर सो गया। जब सुबह देखा गया तो कमरे की छत से वह लटका हुआ था।
किशन की मौत के बाद जसीडीह पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस की पूछताछ के बाद परिवार वालों ने बताया कि मृत युवा किशन दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। लॉकडाउन की वजह से उसे रोज मजदूरी नहीं मिल रही थी जिसके कारण परिवार को पालना मुश्किल हो गया था। वह अपनी मां की वृद्धा पेंशन और सरकारी राशन पर निर्भर था। मां की मृत्यु हो जाने के बाद उसके सामने दाह - संस्कार और श्राद्धकर्म के लिए भी पैसे नहीं थे।