भ्रष्टाचार मामले में अनिल देशमुख की जमानत याचिका फिर खारिज, दो सहयोगियों को भी राहत नहीं
जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार मामले में एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। सीबीआई की विशेष अदालत ने अनिल देशमुख की डिफॉल्ट जमानत याचिका का खारिज कर दिया है। इसके अलावा देशमुख के सहयोगियों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे की डिफॉल्ट जमानत याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया।
बता दें कि अनिल देशमुख ने आठ जून को डिफॉल्ट जमानत याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने मामले में अपूर्ण चार्टशीट दायर की है।
अनिल देशमुख के वकील ने कहा कि बिना जांच किए केवल 59 पृष्ठों का चार्जशीट दायर कर अभियोजन एजेंसी अनिश्चित वैधानिक अधिकार को अधीन नहीं कर सकती है। यह धारा 173 के उल्लंघन का मामला है। इसलिए आवेदक को देशमुख को डिफॉल्ट जमानत देनी चाहिए। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 एक मामले में जांच पूरी होने पर एक पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट से संबंधित है।
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले साल मार्च में आरोप लगाया था कि देशमुख, जो उस समय राज्य के गृह मंत्री थे, ने पुलिस अधिकारियों को शहर के रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये लेने का लक्ष्य दिया था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।