तेलंगाना: मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव का इस्तीफा, विधानसभा भंग
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई जिसमें राज्य विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्यपाल इएसएल नरसिम्हन से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव सौंपा जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद राज्यपाल ने केसीआर को सरकार का केयरटेकर नियुक्त किया। वहींं, राज्यपाल से मुलाकात के बाद केसीआर ने प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए 105 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी।
केसीआर ने कहा कि हम चुनाव अकेले लड़ेंगे लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि एमआईएम पार्टी हमारी दोस्त है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दिल्ली सल्तनत और कांग्रेस पार्टी के वारिस हैं। इसीलिए मेरी लोगों से अपील है कि कांग्रेस के गुलाम न बनें। तेलंगाना का निर्णय तेलंगाना में होना चाहिए। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सौ फीसदी सेक्युलर पार्टी है। हम भाजपा से कैसे हाथ मिला सकते हैं।
इस बीच तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने केसीआर के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि केसीआर ने विधानसभा भंग करके अपनी कब्र खोदी है। वह मोदी के एजेंट हैं। हम चुनाव के लिए तैयार हैं।
करीब 15 दिनों से विधानसभा भंग करने और जल्दी चुनाव कराए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। तेलंगाना विधानसभा का चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ निर्धारित है लेकिन सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) दोनों चुनाव अलग-अलग कराए जाने में राजनीतिक लाभ देख रही है। पार्टी को मई 2014 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में राज्य में जीत मिली थी. उसने 119 सदस्यीय विधानसभा में 63 सीटों पर जीत हासिल की थी।