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10 November 2023

पंजाब में पराली जलने के कारण बढ़ी चिंता; 'बहुत खराब' श्रेणी में बठिंडा का एक्यूआई

दिल्ली, महाराष्ट्र और अब पंजाब, खराब वायु गुणवत्ता ने आम जनजीवन पर भी असर डाला है। पंजाब में लगातार पराली जलाने के कारण बठिंडा शहर शुक्रवार की सुबह धुएं की चादर में छिपा रहा। बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले दो सप्ताह से 'बहुत खराब' श्रेणी में है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 9 नवंबर को बठिंडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 था, जो बहुत खराब है। इसी तरह, 6 नवंबर को शहर में हवा की गुणवत्ता 215 एक्यूआई दर्ज की गई, जो फिर से बहुत खराब श्रेणी में है। शहर में एक्यूआई 2 नवंबर को खराब क्षेत्र में रहा।

बता दें कि एक्यूआई की गणना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की जाती है और आठ प्रदूषकों पर विचार किया जाता है। एक्यूआई की गणना तब की जा सकती है जब कम से कम तीन प्रदूषकों के लिए निगरानी डेटा उपलब्ध हो, जिनमें से एक PM 2.5 या PM 10 होना चाहिए।

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शहर पराली के धुएं से घिरा हुआ है, जिससे रिहायशी इलाकों के लोगों में स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। बठिंडा में पराली के धुएं ने प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ा दिया है कि इलाके में सुबह की सैर पर निकलना भी मुश्किल हो गया है। 

इससे पहले, न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने राज्य सरकारों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। पंजाब सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया है।

सरकार ने एक बयान में कहा, "मशीनों का समय पर वितरण, बेकार पड़ी मशीनों का उपयोग, विभिन्न उद्योगों में पराली का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के प्रयास, विभिन्न निवारक प्रयास, विभिन्न इन-सीटू और एक्स-सीटू तरीकों को बढ़ावा देने के अभियान और किसानों से अपील ने महत्वपूर्ण प्रयास दिखाए हैं और सुधार सुनिश्चित किया है।" 

सर्दियों के महीनों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर कई कारणों से अधिक हो सकता है, जिसमें धूल और वाहन प्रदूषण, शुष्क-ठंडा मौसम, पराली जलाना, फसल के मौसम के बाद फसल के अवशेष जलाना आदि शामिल हैं। 

ठंडी हवा सघन होती है और गर्म हवा की तुलना में धीमी गति से चलती है, इसलिए यह प्रदूषण को फँसा लेती है और दूर नहीं ले जाती है। इसका मतलब यह है कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में वायु प्रदूषण अधिक समय तक बना रहता है।

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TAGS: Punjab air quality, air pollution, stubble burning, bathinda aqi
OUTLOOK 10 November, 2023
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