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04 May 2020

बिहार सरकार श्रमिकों, छात्रों से नहीं लेगी किराया, 21 दिन क्वारेंटाइन में रखने के बाद देगी 1,000 रुपए

File Photo

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिक और छात्रों से किराया नहीं लिया जाएगा। 21 दिनों के क्वारेंटाइन के बाद सभी को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। नीतीश कुमार ने ये बात सोमवार को एक वीडियो मैसेज के जरिए कही। उन्होंने कहा कि सभी को एक-एक हजार रूपए दिए जाएंगे। दरअसल, श्रमिकों से किराया वसूले जाने को लेकर लगातार केंद्र और राज्य सरकार सवालों के घेरे में है। बिहार में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव भी इस बाबत लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रहे हैं।

बता दें, लॉकडाउन का तीसरा चरण अगले 17 मई तक लागू है। इसमें ग्रीन और ऑरेंज जोन में कुछ छूट दी गई है। जबकि लॉकडाउन की वजह से प्रवासी श्रमिक बड़ी तादात में देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए है, जिसको लेकर कई राज्यों की मांग के बाद केंद्र ने गाइडलाइन जारी कर कुछ शर्तों के साथ श्रमिक और छात्रों को ट्रेन से ले जाने की मंजूरी दे दी है। लेकिन लाखों की संख्या में लोगों के फंसे होने के कारण अब यह राज्यों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।

मजदूरों को संबंधित ब्लॉक मुख्यालय में किया जाएगा क्वारेंटाइन: नीतीश कुमार

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सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में आने वाले छात्रों से कोई किराया नहीं लिया जा रहा है। जो प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, उनके संबंधित ब्लॉक मुख्यालय में क्वारेंटाइन की व्यवस्था की गई है। सभी को 21 दिनों के लिए जहां उन्हें रहना है। क्वारेंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद किराया खर्च के अलावा 500 रुपए  दिए जाएंगे, इस तरह सभी को कम-से-कम एक हजार रुपए मिलेंगे।

मजदूरों को वापस नहीं लाना चाह रही सरकार: राजद

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ से 50 ट्रेन देने को तैयार हैं। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करे, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में जमा करेगी। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा था, “15 साल वाली डबल इंजन सरकार बिहारी मजदूरों को वापस नहीं लाना चाह रही है। इसके लिए वो बहाने खोज रही है। 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3,500 लोग ही वापस आ पा रहे हैं। कभी किराया, कभी संसाधनों की कमी तो कभी नियमों को लेकर सरकार पल्ला झाड़ रही है। नीतीश सरकार की मंशा मज़दूरों को वापस लाने की कतई नहीं है।”

रेलवे ने कहा था मजदूरों के किराये का पैसा राज्यों से लिया जाएगा

कांग्रेस, माकपा समेत कई विपक्षी पार्टियां मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साध रही हैं। गौरतलब है पिछले सप्ताह रेलवे की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को ले जाने के लिए जो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उसके लिए यात्रियों से नहीं बल्कि राज्य सरकारों से पैसे लिए जाएंगे। रेलवे के मुताबिक प्रति यात्री स्लीपर क्लास के टिकट का भाड़ा, 30 रुपये सुपर फास्ट चार्ज और खाना-पानी के 20 रुपये लिए जाएंगे। देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को ले जाने के लिए रेलवे ने छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। 

 

 

 

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TAGS: Students not to pay train fare, migrant workers to get full reimbursement, Nitish Kumar, Lockdown, Covid-19
OUTLOOK 04 May, 2020
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