बांदीपोरा रेपकांड को लेकर बवाल, प्रदर्शनकारी छात्रों का सुरक्षा बलों पर पथराव
बांदीपोरा में 3 साल की बच्ची के साथ कथित रेप के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में हिंसा भड़की है। विरोध में मंगलवार को श्रीनगर में स्कूली छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच भी मुठभेड़ हुई। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी भी की।
शहर के अमर सिंह कालेज पर छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच हुआ यह संघर्ष हुआ। उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के कई स्थानों पर युवाओं ने प्रदर्शन किया और सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। जिले के मिरगुंड, चैनाबल, हरनाथ, सिंघपोरा, झील ब्रिज, कृपालपुरा पयीन और हांजीवेरा इलाकों में संघर्ष में 47 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक सहायक कमांडेंट के सिर में चोट आई। संघर्ष में सात नागरिक भी घायल हो गए। इनमें से सभी की हालत स्थिर है। स्थानीय लोगों द्वारा रैली निकालने के कारण करगिल शहर में भी बंद रहा।
मिले मौत की सजाः महबूबा मुफ्ती
दुष्कर्म की इस घटना के सामने आने के बाद जहां कई इलाकों में प्रदर्शन हुए हैं, वहीं राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस घटना की निंदा करते हुए इसके दोषियों को शरिया कानून का हवाला देते हुए पत्थर मारकर मौत की सजा देने की बात कही है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 3 वर्षीय मासूम के साथ हुए दुष्कर्म की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस को दोषी को पूरी तरह चिन्हित करते हुए उसके खिलाफ एक ऐसा मामला बनाना चाहिए कि वे बच न सके।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल ने कहा कि दुष्कर्म आरोपित को सजा-ए-मौत होनी चाहिए। आरोपित की उम्र पर उन्होंने कहा कि जहां तक उनको पता है कि आरोपित को नाबालिग बताने वाला प्रमाणपत्र फर्जी है। उसे वयस्क माना जाए और फांसी दी जाए।
दुष्कर्मी को मिले कड़ी सजाः राज्यपाल
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि दुष्कर्मी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। राजभवन से जारी बयान में कहा गया, ‘बांदीपोरा की तीन साल की बच्ची के साथ हुई अत्यंत जघन्य घटना पर राज्यपाल ने गहरा क्षोभ और दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक एसपी पाणि से बात की और उन्हें इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करने और इस शर्मानाक वारदात के लिए दोषी को कड़ी सजा मिलना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया’।