चीनी मिल बिक्री घोटाला: ईडी ने की पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की 1097 करोड़ की संपत्ति अटैच
उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के दौरान यूपी सहकारी चीनी मिल बिक्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व बसपा एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल की 1097 रुपये की सात संपत्तियों को अटैच कर दिया है। हाजी इकबाल उर्फ बाल्ला और उनके सहयोगियों व परिवार वालों के खिलाफ बीते दो साल में कई मामले सुर्खियों में रहे। इन दो सालों में उन पर शिकंजा कसता गया।
प्रवर्तन निदेशालय काफी समय से सहारनपुर के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की संपत्ति अटैच करने की तैयारी कर रहा था। इकबाल पर चीनी मिलों की खरीद बिक्री के अलावा अवैध खनन से नामी, बेनामी संपत्ति खरीदने का भी आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय से पहले एसएफआईओ भी जांच कर चुकी हैं। सीबीआई ने कई बार छापा मारकर जांच की। अक्तूबर 2020 में ही प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हाजी इकबाल और मुखौटा कंपनियों के डायरेक्टर सौरभ मुकुंद के सहारनपुर में साउथ सिटी स्थित मकान पर छापा मारा था। करीब 17 घंटे छानबीन के दौरान कई दस्तावेज कब्जे में लिए थे।
मायावती सरकार ने 2010 से 2011 के बीच इन चीनी मिलों को बेचा था। आरोप है कि करीब 11 चीनी मिलों को औने-पौने दामों पर बेच दिया गया। पूरे प्रदेश में कुल 21 से ज्यादा चीनी मिलों को बेहद कम दाम पर बेचने का आरोप है। इनमें से कई चीनी मिलों की बिक्री पर अब भी जांच चल रही है। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े से राज्य सरकार और केंद्र सरकार को करीब 1179 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। हाजी इकबाल के मामलों की जांच आईबी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, सीवीसी, सेबी, डीआरआई, सीबीडीटी, एनजीटी जैसी एजेंसियां कर रही हैं।