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26 April 2017

सुकमा नक्सली हमला: धारदार हथियारों से नक्सलियों ने काटे जवानों के गुप्तांग

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जानकारों का कहना है कि महिला नक्सलियों ने धारदार हथियार से अंग काटने की वारदात को अंजाम दिया होगा। क्योंकि इस नक्सली हमले में लगभग एक तिहाई महिला थीं,जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है। 

पहले भी हुई इस तरह की घटना

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी साल 2007 में बीजापुर जिले के रानीबोदली में सीएएफ कैंप पर हुए हमले में इस तरह की घटना हुई थी। जिसमें 55 जवान व एसपीओ शहीद हुए थे। तब नक्सलियों ने धारदार हथियार से कुछ जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे।

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जवानों के लिए भी हो मानवाधिकार

सीआरपीएफ के आईजी देवेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि बस्तर में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के मानव अधिकारों की रक्षा के प्रयास होने चाहिए। जवान ही नहीं बल्कि आम नागरिकों को भी नक्सली मौत के घाट उतार रहे हैं। लेकिन दोनों के मानव अधिकारों को लेकर कोई बात नहीं होती है। जबकि पूछतांछ के लिए ही सही नक्सलियों का साथ देने वाले ग्रामीणों को कब्जे में लिया जाता है तो कुछ संस्थान और उनके लोग अदालत का दरवाजा खटखटाने लगते हैं। सुरक्षा बलों पर मानव अधिकारों के हनन का आरोप भी लगता है और जांच भी होती है. लेकिन नक्सलियों के खिलाफ कोई मुंह तक नहीं खोलता है।

 

 

 

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TAGS: sukma naxalite attack, Inhuman behavior, martyrs, CRPF, CHHATTISGARH, छत्तीसगढ़, नक्सली हमला, गुप्तांग, हथियार, जवान, शहीद, हमला
OUTLOOK 26 April, 2017
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