सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर सुनवाई की तारीख एक दिन बढ़ाया
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ ने जल्लीकट्टू से संबंधित सभी अर्जियों को दायर करने की अनुमति दी और कहा कि इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पीठ के समक्ष कहा कि केन्द्र ने जनवरी 2016 की अधिसूचना वापस लेने की मांग करते हुये एक याचिका दायर की है। न्यायाधीश मिश्रा ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई करने और फैसला सुरक्षित रखने वाली उपयुक्त पीठ इन मामलों पर सुनवाई करेगी। शीर्ष न्यायालय ने इससे पहले कहा था कि वह इस मामले पर 30 जनवरी को सुनवाई करेगा।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और पशु अधिकार संगठनों ने पोंगल उत्सव के दौरान जल्लीकट्टू को अनुमति देने वाले तमिलनाडु के नए कानून को 25 जनवरी को चुनौती दी थी। तमिलनाडु विधानसभा में 23 जनवरी को यह विधेयक पारित हुआ था।
इस विधेयक का विरोध करने वालों का तर्क है कि यह उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है जिसमें कहा गया था कि पशुओं के प्रति यह खेल स्वाभाविक रूप से क्रूर है और विधायकों ने इस वास्तविक मुद्दे की ओर ध्यान नहीं दिया।
उच्चतम न्यायालय में इन याचिकाओं को त्वरित सुनवाई के लिए रखा गया। शीर्ष न्यायालय ने बोर्ड और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को अपनी-अपनी याचिकाएं दायर करने के लिए कहा था।
अपनी अर्जियों में पशु अधिकार समूह ने कहा था कि तमिलनाडु विधानसभा में पारित जल्लीकट्टू को मंजूरी देने वाला कानून उच्चतम न्यायालय के पहले दिये गये फैसले का उल्लंघन करता है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु विधानसभा में पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (तमिलनाडु संशोधन) अधिनियम, 2017 को 23 जनवरी को संक्षिप्त चर्चा के बाद सर्वसम्मति से ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। अन्ना द्रमुक सरकार ने उच्चतम न्यायालय से इस मामले में कोई भी फैसला देने से पहले उनका पक्ष सुनने की मांग की थी जिसके एक दिन बाद ही न्यायालय में केविएट दाखिल की गयी।
एजेंसी