बलात्कार के आरोपी राजद विधायक राज बल्लभ की जमानत खारिज
शीर्ष अदालत ने 8 नवंबर को हाई कोर्ट का आदेश निलंबित करते हुए यादव को बिहार की निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। यादव ने निर्देश का पालन किया था। शीर्ष न्यायालय ने निचली अदालत को यह निर्देश भी दिया था कि वह बलात्कार की नाबालिग पीड़िता का बयान दो सप्ताह में दर्ज करे। न्यायालय ने यादव से इस मामले में किसी भी तरह से दखल न देने के लिए कहा था।
न्यायालय ने पहले यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने पीडि़ता को निचली अदालत के समक्ष पेश किए जाने तक बिहार से बाहर रहने का अनुरोध किया था। न्यायालय का मानना था कि जब तक पीडि़ता निष्पक्ष ढंग से और बिना किसी डर के अपना बयान दर्ज नहीं करा लेती, तब तक राजद के विधायक को जेल में रहना चाहिए। न्यायालय ने कहा था कि वह लड़की की सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित है।
राज्य सरकार ने न्यायालय से कहा था कि चूंकि आरोपी के जमानत पर बाहर होने के कारण लड़की डरी हुई है। इस पर शीर्ष न्यायालय ने 18 अक्तूबर को निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह 24 अक्तूबर तक पीडि़ता का बयान दर्ज न करे।
यादव ने इस साल छह फरवरी को बिहार शरीफ स्थित अपने आवास पर नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था। वह काफी समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा। पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण न करने की स्थिति में जब एक स्थानीय अदालत की ओर से उसे भगौड़ा घोषित करने और उसकी संपत्तियों को कुर्क करने का नोटिस जारी किया गया तो उसने एक स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
बिहार पुलिस ने अपने आरोप पत्रा में एक महिला और उसके संबंधियों को भी आरोपी बनाया है। उन्हें इस आधार पर आरोपी बनाया गया है कि वे नवादा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक को कथित तौर पर महिलाएं उपलब्ध करवाते थे। राजद ने यादव के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के एक दिन बाद 14 फरवरी को उसे पार्टी से निलंबित कर दिया था। (एजेंसी)