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24 March 2022

हिजाब विवाद पर बोला सुप्रीम कोर्ट, मामले को संवेदनशील मत बनाओ, परीक्षा से इसका कोई लेना-देना नहीं

कर्नाटक हिजाब मामले पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली छात्राओं की तरफ से वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के चलते परीक्षा में समस्या आ रही है। वहीं, चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले का परीक्षा से कोई संबंध नहीं है। इस मामले पर तुरंत सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है।

वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख किया, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। कामत का कहना है कि परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा, "मामले को संवेदनशील मत बनाओ, परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है।"

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बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब पहनने की अनुमति देने वाली छात्राओं की याचिका खारिज किए जाने के बाद कई मुस्लिम छात्राओं ने परीक्षा में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इस पर कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने कहा था कि जो छात्राएं परीक्षा में शामिल नहीं होंगी उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं कराई जाएंगी। परीक्षा में गैरहाजिर रहने वाले छात्रों के लिए इस तरह का कोई नियम नहीं है।

नागेश ने कहा था, 'अदालत ने जो भी कहा है, हम उसका पालन करेंगे। परीक्षा में गैरहाजिर रहना अहम फैक्टर होगा, कारण नहीं, चाहे वो हिजाब विवाद, तबीयत खराब, उपस्थित रहने में असमर्थता हो या परीक्षा के लिए पूरी तैयारी नहीं होने की वजह से हो। अंतिम परीक्षा में गैरहाजिर रहने का मतलब है एबसेंट रहना और दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।'

दरअसल बीते 15 मार्च को कर्नाटक के हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर बैन को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था। कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की विशेष पीठ ने कक्षाओं में हिजाब की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम में जरूरी धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।

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TAGS: Supreme Court, hijab controversy, matter sensitive, Karnataka High Court, Hijab Row
OUTLOOK 24 March, 2022
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