एसवाईएल मुद्दा : केंद्र से पंजाब के हक में बात करने की अपील
सदन में शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए आम आदमी पार्टी के भगवंत मान ने कहा कि पिछले दिनों इस मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने पंजाब के खिलाफ रवैया अपनाते हुए वर्ष 2004 में इस संबंध में पंजाब विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून को शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ बताया। शीर्ष अदालत ने काफी समय पहले केंद्र सरकार से कहा था कि वह पंजाब की ओर एसवाईएल के बचे हिस्से का निर्माण केंद्रीय एजेंसियों से कराए ताकि हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिल सके। आप के भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा इस मामले पर केवल राजनीति कर रही हैं और इनका असली चेहरा सामने लाने के लिए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करायी जानी चाहिए।
कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और आज पंजाब में जल संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में प्रदेश की अमरिंदर सिंह सरकार ने भाजपा समेत सभी दलों के साथ सहमति बनाकर वह कानून पारित किया था। उन्होंने कहा कि पंजाब में जल बंटवारे को लेकर समय समय पर बने तनाव में 35 हजार लोग मारे जा चुके हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत में वर्ष 2004 के कानून के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे को गलत बताया और अपील की कि केंद्र को शीर्ष अदालत में पंजाब के हक में बात करनी चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि केंद्र को निष्पक्ष बर्ताव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल बंटवारे को लेकर पंजाब में फिर से हालात खराब हो सकते हैं।