शिक्षा के क्षेत्र में मिशाल बना तेलंगाना
केजी टू पीजी तक की नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने वाला तेलंगाना देश का पहला राज्य भी हो जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और निजामाबाद से सांसद कविता कलवाकुंतला आउटलुक से विशेष बातचीत में कहती हैं कि सरकार की इस पहल से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। आंध्र प्रदेश से अलग होकर बने इस राज्य में शिक्षा ही नहीं स्वास्थ्य, रोजगार सहित कई चुनौतियां हैं लेकिन सरकार धीरे-धीरे इन चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रही है।
कविता के मुताबिक राज्य एक बड़ा वर्ग शिक्षा से वंचित है और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षित करना बहुत जरूरी है इसलिए सरकार का यह प्रयास है कि नि:शुल्क शिक्षा के साथ-साथ शिक्षा को अनिवार्य बनाया जाए ताकि लोग शिक्षित हो सकें। शिक्षा के साथ-साथ सरकार का ध्यान स्वास्थ्य पर भी है इसलिए राज्य के सभी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि लोगों को इधर-उधर न भटकना पड़े। राज्य में सिंचाई और पेयजल की भी बड़ी किल्लत है जिसे देखते हुए सरकार ने परंपरागत तालाबों के पुनरुद्धार की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया ताकि पानी की समस्या को दूर किया जा सके। किसानों की बढ़ती आत्महत्या को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अलग कविता अपनी गैर सरकारी संस्था तेलंगाना जाग्रति के जरिये भी मदद कर रही हैं। कविता के मुताबिक आत्महत्या कर चुके किसानों के परिवार को हर माह ढाई हजार रुपये की आर्थिक सहायता चार सालों तक उपलब्ध कराई जाएगी ताकि ऐसे परिवारों के जीवन-यापन चल सके। इस पूरे अभियान में कविता न तो राज्य सरकार से किसी प्रकार का सहयोग लेती हैं और न ही केंद्र से। इसके लिए कविता अपनी संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा एकत्र धनराशि का उपयोग करती हैं। कविता कहती हैं कि संस्था से जुड़े लोग भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में हैं जो आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हैं। किसान आत्महत्या को लेकर कविता कहती हैं कि हर तीसरे साल किसानों की फसल खराब हो जाती है। पिछली सरकारों की खराब नीतियों के कारण बिजली और पानी की समस्या ने विकराल रूप ले लिया। जिसकी वजह से किसानों की यह दुर्दशा हुई।
गरीबों को नि:शुल्क आवास दिलाने के लिए भी सरकार ने ठोस कदम उठाया है। इसके लिए सरकार दो लाख आवास बनाने जा रही है। जिसमें एक लाख आवास हैदराबाद में और बाकी राज्य के अन्य जिलों में बनाया जाएगा। यह भी लोगों को नि:शुल्क दिया जाएगा। इसकी शुरुआत राज्य सरकार जल्द ही करने जा रही है।
लंबे सियासी संघर्ष के बाद अलग बने इस राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार ने कई ठोस कदम भी उठाया है। जैसे 18 हजार अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किए जाने के अलावा नए रोजगार के अवसर पैदा करना भी शामिल हैं। इसके अलावा स्कूल की कक्षाओं का डिजिटलीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार आदि भी शामिल हैं। गांवों के विकास के लिए ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत को यहां काफी सराहा जा रहा है। इसके लिए सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा भी की है। यह योजना मानव विकास सूचकांक में सुधार लाने, पीने के पानी और साफ-सफाई, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन, कृषि, सामाजिक सुरक्षा और गरीबी में कमी के मुद्दों पर केंद्रित होगी। ग्राम ज्योति कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने के साथ-साथ पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों का विकास करना भी है। कविता कहती हैं, लंबे अरसे के संघर्ष के बाद बने इस राज्य में विकास का इतना विस्तार हो कि अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन जाए।