एनआईटी श्रीनगर में तनाव बरकरार, एचआरडी मंत्रालय ने भेजी टीम
पिछले सप्ताह हिंसक झड़प का गवाह बना राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में मंगलवार को फिर से स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब बाहरी राज्य के छात्रों ने असुरक्षा की भावना जाहिर करते हुए परिसर छोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान उन छात्रों का पुलिस से टकराव हो गया जिससे पुलिस को वहां लाठीचार्ज करना पड़ा जिसमें कुछ छात्र घायल हो गए। परिसर में जारी तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए एचआरडी मंत्रालय ने बुधवार को छात्रों से बात करने और स्थिति को समझने के लिए एक दल को श्रीनगर स्थित एनआईटी परिसर भेजा है। बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, मंत्रालय ने एक निदेशक और उप सचिव रैंक के एक अधिकारी वाले दो सदस्यीय दल को एनआईटी श्रीनगर भेजने का निर्णय लिया है, जो वहां जाकर छात्रों की बात सुनेगा। स्थिति तनावपूर्ण होने पर कल रात ही परिसर में सीआरपीआफ की तैनाती कर दी गई थी। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अन्य राज्यों से पढ़ने आए छात्रों को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को फोन कर एनआईटी की स्थिति पर चर्चा की।
टी-20 विश्व कप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की हार के बाद गत शुक्रवार को परिसर में स्थानीय एवं बाहरी राज्यों के छात्रों के बीच झड़पें हुई थीं। इसके बाद एनआईटी प्राधिकारियों ने संस्थान को बंद कर दिया था जिसे कल फिर से खोला गया। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कल कहा था, हम एनआईटी में पढ़ रहे देश के सभी छात्रों की जिम्मेदारी लेते हैं। हमने सभी आवश्यक प्रबंध कर लिए हैं। सिंह ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए प्रशासन ने एनआईटी के छात्रों के साथ बैठक की है। शांति सुनिश्चित करने के लिए एसएसपी श्रीनगर इलाके में ही हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों के छात्र परीक्षाएं स्थगित करने और सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया, एनआईटी के निदेशक ने कहा है कि मांगें स्वीकार कर ली गई हैं।
कल की घटना पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ गैरस्थानीय छात्रों ने परिसर छोड़ने और अपने गृह राज्य वापस जाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि एनआईटी में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने छात्रों को फिर से आश्वासन देने का प्रयास किया कि वे परिसर में सुरक्षित हैं लेकिन वे शांत नहीं हुए। अधिकारी ने दावा किया कि एक प्रमुख अधिकारी जब उनसे बात कर रहे थे तो कुछ छात्रों ने कथित रूप से नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें पीछे धकेल दिया। अन्य पुलिसकर्मियों ने हिंसक होते छात्रों को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। अधिकारी ने कहा कि हालांकि स्थिति थोड़ी देर में नियंत्रण में आ गई। वहीं बाहरी राज्यों के छात्रों का आरोप है कि वह धरना दे रहे थे और पुलिस ने बलपूर्वक लाठीचार्ज किया और उन्हें एनआईटी गेट से बाहर नहीं जाने दिया।