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13 June 2015

आतंकी मामलों में बचाव वकील बने तो गोली मारेंगे

गूगल

लगभग 30-40 पुलिसकर्मियों सहित पराचा को डराया गया। कहा गया कि वह आतंकी मामलों में आरोपी पक्ष के वकील के रूप में सामने न आएं, अन्यथा अंजाम बुरा होगा। दिनेश शर्मा की इस धमकी और डराने की कोशिश  की मानव अधिकार संस्थाओं ने कड़ी निंदा की है। महमूद पराचा जयपुर, सीकर और जोधपुर में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पकड़े गए नौजवानों के मसले पर उनके वकील के बतौर बहस करने दिल्ली से जिला न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए थे। आरोप है कि दिनेश शर्मा ने उन्हें द्वारा गोली मारने की धमकी बहस के बाद अदालत के गलियारे में दी। इसके पहले उन्हें अंडरवल्ड डॉन रवि पुजारी ऐसी धमकी दे चुका है।

 

पराचा ने तुरंत जिला न्यायाधीश के कहे अनुसार उनके साथ हुआ वाकया लिखित में उन्हें दिया।  पीयूसीएल राजस्थान का मानना है कि  ‘‘आतंकवाद’’ के नाम पर दिनेश शर्मा और  अन्य एटीएस पुलिसकर्मियों का रवैया खुद कानून तोड़ने वाला रहता है। बताया जाता है कि वे अक्सर आमजन और आरोपियों के वकील को डराते-धमकाते रहते हैं । पूर्व में भी सीआई दिनेश शर्मा जयपुर बम धमाकों के मसले में वरिष्ठ वकिल पैकर फारूख के साथ इसी रूप में पेश हुए थे और फारूख साहब को भी तत्काल जिला न्यायाधीश से शिकायत करनी पड़ी थी।

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पीयूसीएल ने अधिवक्ता पराचा से विस्तृत बातचीत की और उस वाकये के दौरान हाजिर अधिवक्ताओं व कुछ पीयूसीएल में इंटर्नशिप कर रहे छात्रों से भी लंबी बातचीत की। पीयूसीएल इस निर्णय पर पहुंचा कि सीआई दिनेश शर्मा ने कानून तोड़ा है और बाकायदा महमूद पराचा को गोली मारने की धमकी एवं डराने की कोशिश की है। महमूद पराचा को धमकी देना आरोपियों का अपना बचाव करने का संवैधानिक हक छीनने के जैसा है। पीयूसीएल राजस्थान ने दिनेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनको तुरंत निलंबित करने की मांग की है।

 

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TAGS: वकील महमूद पराचा, एटीएस, राजस्थान, advocate mehmood pracha, ATS, rajasthan
OUTLOOK 13 June, 2015
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