सीएम नीतीश के उद्घाटन करने से पहले टूटा बांध, आरजेडी ने बताया इसे ‘घोटाला’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को भागलपुर के कहलगांव आने वाले थे। यहां उनको लगभग 389.91 करोड़ की लागत से बने बांध का लोकार्पण करना था। लेकिन इसके 24 घंटे पहले ही 40 साल बाद पूरा हुए इस नहर परियोजना का बांध कहलगांव के एनटीपीसी मुरकटिया के पास टूट गया।
Bihar: Ahead of inauguration tmrw portion of dam in Bhagalpur's Kahalgaon broke down;dam made at cost of Rs.389 crores. Nearby areas flooded pic.twitter.com/EIdBfonnd7
— ANI (@ANI) 19 September 2017
वहीं इसके टूटने से कई इलाकों में गंगा का पानी घुस गया है।
इन नेताओं को लेना था हिस्सा
इस परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा कहलगांव के विधायक सदानंद सिंह आने वाले थे।
आरजेडी ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
आरजेडी ने इस घटना को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर जमकर वार किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है, “389.31 करोड़ का बांध उद्घाटन के 24 घंटे पहले टूटा। CM ताम-झाम के साथ कल काटने वाले थे फीता। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक और बांध..”
389.31 करोड़ का बांध उद्घाटन के 24 घंटे पहले टूटा। CM ताम-झाम के साथ कल काटने वाले थे फीता। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक और बाँध..
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) 19 September 2017
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरजेडी कार्यकर्ताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भागलपुर में मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री का पुतला फूंका।
जेडीयू ने कहा- बिना जानकारी के ना लगाएं आरोप
जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि विपक्ष बिना जानकारी के ही आरोप लगा रहा है। सबसे पहले तो आरोप लगाने वालों को तटबंध और नहर का फर्क समझना चाहिए। इस नहर बांध का निर्माण तो 1996 में लालू सरकार के दौरान हीहुआ था। सरकार ने उस नहर बांध के उद्धघाटन के पहले पानी छोड़कर किया था ट्रायल।
40 साल बाद भी नहीं बन सका बांध?
बिहार और झारखंड की यह साझा परियोजना 1977 में शुरू हुई। इसके जरिये भागलपुर में 18620 हेक्टेयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी यह कही जा रही है। जब ये परियोजना शुरू हुई थी तो इस पर 13.88 करोड़ खर्च होने की बात थी। लेकिन अब तक इस पर करीब 390 करोड़ खर्च हो चुके हैं। ऐसे में इस तरह की घटना होने के बाद इस पर सवाल उठने लगे हैं।