झारखंड: 25 साल बाद इंटर में दाखिला लेने वाले शिक्षा मंत्री की नतनी का नाम स्कूल ने काटा
पढ़ाई छूटने के 25 साल बाद इंटर में खुद के नामांकन को लेकर चर्चित झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नतनी ( बेटी की बेटी) का ही नाम स्कूल से कट गया। उनकी नतनी रिया, चास (बोकारो) के दिल्ली पब्लिक स्कूल ( डीपीएस) के कक्षा चार में पढ़ती है। कोरोना काल में पढ़ाई ऑनलाइन चल रही थी मगर फीस जमा नहीं होने के कारण ऑनलाइन क्लास से उसका नाम काट दिया गया। हालांकि कोरोना को देखते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूलों को आदेश दिया था कि इस अवधि में फीस जमा नहीं होने के बावजूद किसी का नाम नहीं काटा जायेगा।
मगर निजी स्कूलों की मनमानी का शिकार खुद शिक्षा मंत्री का परिवार हो गया। बेटी से इसकी जानकारी मिली तो अंतत: खुद स्कूल गये और अप्रैल से सितंबर तक का 22800 रुपये जमा कराया। एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्कूल में मैं अभिभावक की भूमिका में आया हूं। उस समय जिला शिक्षा पदाधिकारी भी मौजूद थीं। उन्होंने मामले की जांच का आदेश दिया है।
इस प्रकरण पर भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने तंज कसते हुए कहा कि यह हिम्मती नहीं मजबूर सरकार है। सरकार को निजी स्कूलों की मनमानी का आइना दिखाने के लिए यह घटना पर्याप्त है। यह तो एक उदाहरण है। हजारों अभिभावक रोज इस तरह के दोहन के शिकार हो रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों की माफियागिरी के आगे शिक्षा मंत्री बिना दांत और नख के शेर हैं।