पंजाब में सोमवार से ट्रेनों के संचालन का रास्ता साफ, किसान संगठनों ने दी मंजूरी
किसान आंदोलन के कारण पिछले लंबे समय से बंद पैसेंजर और मालगाड़ियां को पंजाब में चलाने के लिए किसान संगठनों ने मंजूरी दे दी हैं। इसका ऐलान शनिवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ किसान जत्थेबंदियों की मीटिंग के बाद किया है। राज्य में माल और यात्री गाड़ियों की फिर से बहाली के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से आज किसान संगठनों के साथ मीटिंग की गई थी, यह भी खबर थी कि कुछ किसान संगठन राज्य में दोनों ट्रेनों के चलाने के हक में थे जबकि कुछ इससे इंकार कर रहे थे।
इससे पहले भी किसान जत्थेबंदियों ने राज्य में मालगाड़ियों को चलाने को मंजूरी दे दी थी जबकि केंद्र सरकार का तर्क था कि जब तक किसान पूरी तरह रेलवे ट्रैक खाली नहीं करते और मालगाड़ियां साथ-साथ यात्री ट्रेने चलाने को राजी नहीं होते तब तक पंजाब में ट्रेनों चलाने को मंजूरी नहीं दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक अब किसान जत्थेबंदियों ने मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री ट्रेनें चलाने की भी मंजूरी के दी है।
पंजाब में किसान आंदोलन के कारण रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित है। पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन को 50 दिन से अधिक समय हो चुका हैं। इस दौरान 1,986 यात्री रेलगाड़ियां और 3,090 मालगाड़ियों के रद्द होने से राज्य को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब में रोजाना करीब 30 रैक माल आता है और 40 रैक के करीब माल बाहर जाता है, जो इस रेल रोकों आंदोलन से प्रभावित हुआ है। इसी के साथ सैनिकों तक सुरक्षा सामान पहुंचाने, उद्योगों आदि में भ इसका असर पड़ा है। राज्य में हुई इसी उथल-पुथल हालातों को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बीते दिन किसानों को रेल नाकाबंदी खत्म करने का आग्रह किया।