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18 June 2018

सीएम अमरिंदर बोले,पंजाब में खालिस्तान के लिए कोई जनमत संग्रह नहीं

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खालिस्तान के लिए किसी भी तरह जनमत संग्रह (रेफरेंडम-2020) की बात को खारिज कर दिया है। उऩ्होंने सोमवार को कहा कि जनमत संग्रह विदेश के लोगों की धारणा है। सभी लोगों को पता है कि पंजाब में कोई जनमत संग्रह नहीं होने जा रहा है।

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पंजाब में शांति चाहते हैं। शांति का मतलब स्थायित्व, शांति का मतलब सब कुछ सामान्य ढंग से चले। कैप्टन आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब विधान सभा में विरोधी दल के नेता सुखपाल सिंह खैरा के जनमत संग्रह के समर्थन वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।  


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आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने खालिस्तान के बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने पंजाब में ‘खालिस्तान’ बनाए जाने को लेकर साल 2020 में जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। खैरा ने कहा था, ‘मैं साल 2020 में होने वाले जनमत संग्रह का मतदाता नहीं हूं लेकिन मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि बंटवारे के बाद सिखों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न, दरबार साहिब पर हमले और साल 1984 में हुए हत्याकांड की वजह से यह सब कुछ हुआ है।’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था कि सिखों के खिलाफ लगातार अत्याचार होते रहे हैं। सिखों के खिलाफ भेदभाव,सिखों का शोषण.सिखों का 1984 में नरसंहार,स्वर्ण मंदिर पर हमला यह सभी इस देश में हुआ है। इसे कोई गलत नहीं कह सकता। 

इस बयान के बाद उनकी चौतरफा आलोचना होने लगी। कई कांग्रेस विधायकों ने सुखपाल खैरा की कड़ी आलोचना करते हुए आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा और खैरा को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की। आम आदमी पार्टी, पंजाब ने रेफरेंडम-2020 पर खैरा के बयानों को उनकी निजी राय बताते हुए न सिर्फ पल्ला झाड़ लिया बल्कि यह भी संकेत दिए कि पार्टी इस मुद्दे पर सुखपाल खैरा से स्पष्टीकरण मांगेगी।

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TAGS: Punjab, referendum, Amarinder Singh, Khalistan, magination.abroad
OUTLOOK 18 June, 2018
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