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27 November 2020

देश में ऐसी कोई जेल नहीं, जो किसानों को क़ैद कर सके: कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा

किसान अपनी जायज़ मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीक़े से लोकतांत्रिक और संवैधिनिक दायरे में केंद्र सरकार के द्वार पर आया है। सरकार को तुरंत इसका संज्ञान लेते हुए क़ानून में एमएसपी का प्रावधान जोड़ना चाहिए। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। किसानों के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत कर रहे सांसद दीपेंद्र ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ जो बर्ताव किया है, उसे पूरे देश और पूरी दुनिया ने देखा है। एक शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ इस तरह का बर्ताव कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अन्नदाता के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के कुप्रयासों से हरियाणा सरकार का किसान विरोधी चेहरा फिर बेनकाब हो गया है। बीजेपी-जेजेपी दोनों को किसान नहीं बल्कि कुर्सी ज्यादा प्यारी है। दोनों को अगर किसानों की ज़रा भी चिंता है तो उसे तुरंत नए क़ानूनों में एमएसपी का प्रावधान जुड़वाना चाहिए, नहीं तो जेजेपी को भी अकाली दल की तरह सरकार से बाहर निकल जाना चाहिए।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ये इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सरकार ख़ुद सड़कों पर जाम लगा रही है और किसान उस जाम को खोल रहे हैं। सरकार सड़कों पर गड्ढे खुदवा रही है और किसान उन गड्ढों को भर रहे हैं। संवेदनहीनता की सारी हदें पार करते हुए सरकार ने उन किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिनकी आंखों में पहले ही आंसू हैं। सरकार उन किसानों पर ठंडे पानी की बौछारे बरसा रही है, जो पहले से कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। अन्नदाता के अहिंसक और अनुशासित आंदोलन को कुचलने के इस निर्दयी तरीक़े का हम कड़ा विरोध करते हैं। देश का संविधान और लोकतंत्र किसी भी सरकार को इसकी इजाज़त नहीं देता।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि 3 नए कृषि क़ानूनों को लेकर हमने बार-बार सरकार को चेताने का काम किया है। जब सरकार लॉकडाउन के दौरान महामारी के दौर में पिछले दरवाज़े से अध्यादेश के जरिए इन क़ानूनों को लेकर आई थी, हमने तब भी इसका विरोध किया था। जब इन्हें संसद से पास करवाकर देश में लागू किया गया, हमने तब भी हर मंच पर इसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की। क्योंकि इन क़ानूनों में एमएसपी का कहीं ज़िक्र तक नहीं है। एमएसपी की गारंटी के बिना ये कृषि क़ानून किसानहित में नहीं हो सकते।

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मुख्यमंत्री खट्टर के एक ट्वीट का जवाब देते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूछा कि जो बात मुख्यंमत्री अपनी ज़ुबान से कह रहे हैं, उसे क़ानून की शक्ल देने से परहेज़ क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर बार-बार एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनाए रखने की बात कर रहे हैं। लेकिन सच ये है कि जनता की नज़र में ये सरकार अपना भरोसा खो चुकी है। इसलिए मुख्यमंत्री के ज़ुबानी आश्वासन पर किसानों को विश्वास नहीं हो रहा है। किसानों का कहना है कि वो एमएसपी की गारंटी और एमएसपी से कम ख़रीद पर सज़ा के प्रावधान का क़ानून बनाए ताकि किसानों के अधिकार सुरक्षित रह सके। किसानों की इस मांग का हम पूर्ण समर्थन करते हैं।

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TAGS: Farmers Protest, Congress MP, Deepender Singh Hooda, Hariyana, New Farms Act
OUTLOOK 27 November, 2020
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