केदारनाथ त्रासदी के चार साल: आज भी डराता है तबाही का वो मंजर!
चार साल पहले यानी 16 जून 2013 को उत्तराखंड में प्रकृति ने कहर बरपाया था। इस भीषण जलप्रलय ने सैकड़ों जानें ली थी और हजारों लोग लापता हो गए थे। राष्ट्रीय आपदा रिपोर्ट 2013 के मुताबिक 169 लोगों की इस त्रसदी में मौत हुई थी, जबकि 4021 लापता हुए थे। गौरतलब है कि लापता लोगों को भी बाद में मृत घोषित कर दिया था।
वह बेहद डरावना मंजर था। श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक तीर्थस्थल केदारनाथ और इसके आसपास भारी बारिश, बाढ़ और पहाड़ टूटने से सबकुछ तबाह हो गया था। उत्तराखंड में शायद ही इससे पहले ज्ञात रूप से 16 जून 2013 की आपदा से बड़ी प्राकृतिक त्रासदी लोगों को याद हो।
उस दौरान सिर्फ केदारनाथ ही नहीं पूरे उत्तराखंड में सभी पर्वतीय जिलों में आसमान से कहर बरपा था। उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ की करीब नौ लाख आबादी आपदा से त्रस्त थी। सड़कें, पुल और संपर्क मार्ग बह गए थे।
16 जून, 2013 की आपदा में करीब 4 हजार 200 से अधिक गांवों से संपर्क टूट गया था। आज चार साल बाद हालात सामान्य जरूर हैं लेकिन आज भी वहां कंकाल मिल रहे हैं। हालांकि इस त्रसदी की वजह से उत्तराखंड को काफी कुछ झेलना पड़ा लेकिन चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है।