मेघालय ट्रांसफर किए जाने के विरोध में मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ने दिया इस्तीफा
मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी ने मेघालय हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने उनका ट्रांसफर करने का फैसला किया था। जस्टिस ताहिलरमानी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजा है। उन्होंने इस्तीफे की एक कॉपी भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को भी भेजी है। मेघालय हाई कोर्ट में सिर्फ चार जज हैं, जबकि मद्रास हाई कोर्ट में 75 जज हैं। अपने इस्तीफे में जस्टिस ताहिलरमानी ने राष्ट्रपति से उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करने का निवेदन किया है। राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफे को आगे की कार्रवाई के लिए सरकार को बढ़ा दिया है।
43 साल की उम्र में नियुक्त किया गया था बॉम्बे हाईकोर्ट का जज
जस्टिस ताहिलरमानी को 26 जून 2001 को 43 साल की उम्र में बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। बंबई उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर काम करते हुए जस्टिस ताहिलरमानी ने मई, 2017 में बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में सभी 11 व्यक्तियों की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गुजरात से महाराष्ट्र स्थानांतरित किया था।
12 अगस्त 2008 को उन्हें मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। देश की 25 हाई कोर्ट में जस्टिस ताहिलरमानी और जस्टिस गीता मित्तल ही महिला चीफ जस्टिस हैं। जस्टिस ताहिलरमानी को 2 अक्टूबर 2020 को रिटायर होना था। इसका मतलब है कि उन्होंने करीब एक साल पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
मेघायल हाई कोर्ट में किया गया ताहिलरमानी का तबादला
बता दें कि 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली कॉलिजियम, जिसमें जस्टिस एस.ए. बोबड़े, एन.वी. रमना, अरुण मिश्रा और आर.एफ. नरीमन भी शामिल है, ने मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ए.के. मित्तल का मद्रास हाई कोर्ट ट्रांसफर किया था। इसके साथ ही जस्टिस ताहिलरमानी का तबादला मेघायल हाई कोर्ट कर दिया गया।