Advertisement
16 September 2015

पेड़ों को मिले पहचान पत्र

पेड़ों के महत्व को जानना और इस जानकारी को मान लेता दो अलग-अलग तरह की बातें हैं। लेकिन कोलकाता में दोनों बातों में समानता लाने के लिए एक नई परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना की अगुवाई कर रहे पर्यावरणविद अभिजीत मित्र ने बताया कि नागरिकों की तरह अब पेड़ों के भी पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। जिस तरह मतदाता पहचान पत्र होता है उसी तरह पेड़ का भी पहचान पत्र होगा। इस पहचान पत्र में पेड़ों की प्रजातियों के स्थानीय नाम, वैज्ञानिक नाम, इसके स्थान का भौगोलिक निर्देशांक, तस्वीर, वजन और लकड़ी का घनत्व आदि जैसी जानकारी रहेगी।

कोन्नगर नगर पालिका के अध्यक्ष बप्पदित्य चटर्जी ने बताया कि अब तक ऐसे 3,000 पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं जिन्हें पेड़ों पर लगाया गया है। पहचान पत्र देखने के बाद कोई भी व्यक्ति यह समझ जाएगा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में पेड़ों का योगदान क्या है।

भारत में इस तरह का यह पहला प्रयोग होने का दावा करते हुए चटर्जी ने कहा, हमें जीवित रहने के लिए सबसे पहले ऑक्सीजन की जरूरत होती है जो हमें पेड़ों से मिलती है। दूसरी बात की पेड़ कार्बन अवशोषित कर लेता है लेकिन अवशोषण का अनुपात हर प्रजाति के लिए अलग-अलग होता है और ऐसे में हमारे लिए उनका खाका तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है।

Advertisement

हालांकि, यहां से लगभग 25 किलोमीटर दूर पड़ोस के हुगली जिले में स्थित उपनगरों में पेड़ों की कुल 53 प्रजातियां मिली हैं। इनमें से 28 प्रजातियों के पेड़ अधिक हैं और पेड़ों की कुल संख्या में उनका 70 फीसदी हिस्सा है। इनमें नीम, पीपल, बरगद, राधाचूरा, कृष्णाचूरा, इमली, नारियल आदि प्रमुख हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: tree identity card, kolkata, konnagar municipality, environmentalist abhijit mitra, पेड़ पहचान पत्र, कोलकाता, कोन्नगर, पर्यावरणविद अभिजित मित्र
OUTLOOK 16 September, 2015
Advertisement