पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव में ममता बनर्जी का दबदबा, भाजपा बहुत पीछे
पश्चिम बंगाल में अपनी पकड़ बनाने में जुटी भाजपा की कोशिशों को स्थानीय निकाय चुनावों में एक बार फिर झटका लगा जब सात सिविक इकाइयों के चुनाव नतीजों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने सीपीएम तथा अन्य स्थानीय दलों का सफाया कर दिया और भाजपा दूसरे नंबर पर होने के बावजूद बेहद पीछे रही।
रविवार को बुनियादपुर, धूपगुड़ी, दुर्गापुर, हल्दिया, पांसकुरा, कूपर्स कैम्प और नैहाटी में चुनाव हुए थे, जिनके दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाओं की शिकायतें भ्ाी मिली थीं। विपक्षी दलों ने मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाया था और भारत की मार्क्सवादी कम्युिस्ट पार्टी (माकपा) ने चुनाव रद्द किए जाने की मांग की थी।
नई बनाई गई नगर निगम बुनियादपुर की 14 सीटों में से 13 पर टीएमसी के उम्मीदवार जीते हैं और एक सीट भाजपा के खाते में गई है, वहीं धूपगुड़ी की कुल 16 सीटों में से टीएमसी को 12 और भाजपा को चार सीटें हासिल हुई हैं। 2012 में हुए पिछले चुनाव में यहां टीएमसी को 11 और भाजपा को एक सीट मिली थी।
कूपर्स कैम्प की सभी 12 सीटें टीएमसी ने जीत ली हैं जबकि 2012 में उन्हें सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। नैहाटी में 16 में से 14 पर टीएमसी, एक पर वाममोर्चा तथा एक पर अन्य प्रत्याशी विजयी हुए हैं जबकि 2012 में टीएमसी को सिर्फ आठ सीटें मिली थीं। 2012 में तीन सीटें कांग्रेस और एक-एक सीट सीपीएम तथा भाजपा को हासिल हुई थी।
दुर्गापुर में सभी 43 सीटें टीएमसी ने कब्जा ली हैं जबकि 2012 में उनके पास सिर्फ 29 सीटें थीं। 2012 में सीपीएम को 10, कांग्रेस, भ्ााजपा, आरएसपी और निर्दली एक-एक सीट पर जीते हैं।
पांसकुरा में 18 में से टीएमसी ने 17 और भ्ााजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की है। 2012 में टीएमसी 12 सीटों पर विजयी रही थी जबकि तीन सीटें सीपीएम और दो सीटें सीपीआइ के खाते में गई थीं। हल्दिया में भी सभी 29 सीटें टीएमसी के खाते में पहुंच गई हैं जबकि 2012 में उन्हें सिर्फ 11 सीटें मिली थीं और उस समय सीपीएम को 13 सीटों पर जीत मिली थी। पिछले चुनाव में दो सीटें सीपीआइ को भी मिली थीं।