पश्चिमी यूपी में माहौल बिगाड़ने की कोशिश, बिजनौर में भगवा साफा पहनकर एक संप्रदाय के दो भाइयों ने मजार में की तोड़फोड़
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का अमल धरातल पर दिखाई दे रहा है। जिस कारण यूपी पुलिस ने पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े त्योहार कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश को नाकाम किया है। मामले में बिजनौर जिले की पुलिस ने समय रहते दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बिजनौर जिले के थाना शेरकोट में रविवार को दो स्थानों घोसियोवाला की मजार और जलाल शाह वाला की मजार में दो सगे भाइयों ने बड़ी साजिश रची। दोनों भाइयों ने भगवा गमछा धारण कर मजारों को गलत बताते हुए खंडित कर चादर और पर्दे को जला दिया था। आरोपियों की मंशा घटना को सांप्रदायिक रंग देने की थी, लेकिन पुलिस ने रविवार को ही मौके से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। साथ ही दूसरे आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसी तरह कुछ दिनों पहले लखनऊ में लुलू मॉल में भी सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास किया गया था। हालांकि पुलिस की सख्ती के कारण आरोपियों के मंसूबे नेस्तानाबूत हुए।
एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि निस्संदेह मकसद सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करना था। उन्होंने यह प्रयास कांवर के प्रमुख दिन किया। अगर पुलिस सतर्क नहीं होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। केस दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरु कर दी गई है।
कांवड़ में सीएम ने उच्च स्तरीय सुरक्षा के दिए थे निर्देश :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के आला अधिकारियों को कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही सकुशल और सुरक्षित कराने के लिए उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही उन्होंने माहौल खराब करने के वाले असामाजिक तत्वों पर भी सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
यात्रा के पहले ही 1670 से अधिक पीस कमेटी की बैठक हुई :
कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग को 1917 सेक्टर में विभाजित करते हुए हर सेक्टर में आवश्यकतानुसार पर्याप्त पुलिस बल की शिफ्टवार ड्यूटी लगाई गई। इसके अलावा 151 कंपनी पीएसी, 11 कंपनी केंद्रीय पुलिस बल आवंटित किया गया और 1195 क्यूआरटी टीम सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाई गई है। कांवड़ यात्रा के पहले ही 1670 से अधिक पीस कमेटी और शांति समितियों की बैठक भी की गई है।