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06 October 2024

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू टेस्टिंग में हुए पास; 13 जांचों के बाद पाए गए पूरी तरह शुद्ध

मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का लड्डू प्रसाद खाद्य सुरक्षा नियमों के 13 मापदंडों पर खरा उतरा है, जिससे तिरुपति प्रसाद विवाद के बीच भक्तों में खुशी की लहर है।

उज्जैन संभागीय आयुक्त संजय गुप्ता के अनुसार, लड्डू प्रसाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की कुछ मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं द्वारा आयोजित 13 विभिन्न प्रकार के परीक्षणों से गुजरना पड़ा।

उन्होंने बताया कि प्रसाद में चार मुख्य सामग्रियां होती हैं - शुद्ध घी, बेसन, रवा और चीनी, जिनमें सबसे महंगी सामग्री शुद्ध घी है।

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उन्होंने बताया कि यहां प्रतिदिन प्रसाद बनाने के लिए 40 मीट्रिक टन घी का उपयोग किया जा रहा है, जिसका निर्माण राज्य सरकार की सहकारी संस्था उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा किया जाता है।

इस खबर के बाद गुप्ता ने प्रसन्नता व्यक्त की कि श्रद्धालुओं के मन में खुशी की लहर है और उनमें विश्वास पुनः जागृत हुआ है।

गुप्ता ने कहा, "एक भक्त ने (महाकालेश्वर मंदिर) लड्डू प्रसाद की जांच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला में कराई। उन्होंने 13 अलग-अलग परीक्षण किए।"

उन्होंने कहा, "यह बहुत खुशी की बात है कि प्रसाद सभी 13 मानदंडों (घी, बेसन, चीनी और रवा) पर खरा उतरा। प्रसाद 4 मुख्य सामग्रियों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इसमें शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है। यह घी राज्य सरकार की सहकारी संस्था उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा बनाया जाता है।"

गुप्ता ने यह भी अनुरोध किया कि तिरुपति देवस्थान उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा निर्मित सांची घी का उपयोग करे। उन्होंने आगे कहा कि इसका पूरा श्रेय उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की प्रबंधन समिति को जाता है, जो प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखती है।

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TAGS: Ujjain, Mahakaleshwar Temple, prasad laddu, tirupati laddu controversy, fssai testing
OUTLOOK 06 October, 2024
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