उन्नाव: पकड़ा गया झोलाछाप डॉक्टर, एक ही सीरिंज का इस्तेमाल कर 58 लोगों को बनाया HIV मरीज
उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बांगरमऊ तहसील में दस महीनों के दौरान एक ही सिरींज से इंजेक्शन लगाकर कई लोगों को एचआईवी संक्रमित करने वाले झोलाछाप डॉक्टर को बुधवार को पकड़ लिया गया।
कोतवाली प्रभारी अरूण प्रताप सिंह ने बताया कि झोलाछाप डाक्टर राजेन्द्र कुमार को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गयी थीं। उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस पूरे मामले को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कहा कि बुधवार को गिरफ्तार किए गए डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने इस तरह की घटना के बारे में पहले कभी नहीं सुना। डिप्टी सीएम ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा किनिश्चित रूप से इस मामले की कार्रवाई करेंगे।
Stern action to be taken against the person. We had never heard of such incident before. We condemn this & will definitely take action: KP Maurya, UP Deputy CM on 40 people found HIV Positive after receiving treatment from quack who used single syringe on multiple patients #Unnao pic.twitter.com/Dp8E8dRtfT
— ANI UP (@ANINewsUP) February 8, 2018
इस बीच राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको)और उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी की टीमें जिला अस्पताल और मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यालय पहुंची। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस पी चौधरी ने न्यूज़ एजेंसी भाषा को बताया कि दोनों ही संगठनों के सात सदस्यों ने घटनाक्रम का जायजा लिया। ये टीमें प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा करेंगी। उन्होंने बताया कि अब तक बांगरमऊ में 58 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए।
अप्रैल से जुलाई के बीच नियमित परीक्षण के दौरान अकेले बांगरमऊ तहसील से एचआईवी संक्रमण के 12 मामले सामने आए। इसके बाद नवंबर 2017 में हुए एक अन्य परीक्षण में 13 अन्य मामले सामने आए।
चौधरी ने बताया कि इतनी अधिक संख्या में मामले प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दो सदस्यीय समिति का गठन किया, जो बांगरमऊ में विभिन्न जगहों पर संक्रमण फैलने की वजह पता लगाने गयी।
उन्होंने बताया कि टीम प्रेमगंज और चकमीरपुर गई और अपनी रिपोर्ट सौंपी। उसके आधार पर बांगरमऊ में तीन जगहों पर 24 , 25 और 27 जनवरी को परीक्षण शिविर लगाए गए। चौधरी ने बताया कि इन शिविरों में 566 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 33 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता लगा कि झोलाछाप डाक्टर राजेन्द्र कुमार ने सस्ते इलाज के नाम पर एक ही सिरींज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगाये। एचआईवी के इतने अधिक मामले होने की वजह यही थी।
बांगरमऊ थाने में राजेन्द्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। चौधरी ने बताया कि संक्रमित लोगों का कानपुर के एंटी रेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में इलाज चल रहा है।
गौरतलब है कि मामला सामने आने के बाद इस पूरे मामले पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि इसकी जांच की जा रही है, जो बिना लाइसेंस के प्रैक्टिस कर रहे थे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जहां पर यह कैंप लगाया गया था वो जगह ऐसी है जहां इस तरह के लोगों के आने की संभावना ज्यादा है। इसलिए हम ट्रक ड्राइवर्स की भी जांच कर रहे थे जो यहां इलाज के लिए आते थे।
शुरुआत में जिले के बांगरमऊ इलाके में 40 लोगों के एचआईवी पॉजिटिव होने की खबर थी। बाद में ये संख्या बढ़कर 58 हो गई।