उन्नाव रेप कांड के आरोपी सेंगर के सभी हथियारों के लाइसेंस रद्द, डीएम ने दिए आदेश
उन्नाव रेप कांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के सारे हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर विधायक के हथियारों का लाइसेंस रद्द किया गया है। सीतापुर जेल में बंद सेंगर के नाम लाइसेंसी हथियारों में एक बंदूक, एक राइफल और रिवाल्वर शामिल हैं। अप्रैल 2018 में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ गैंगरेप की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसके बाद विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फिलहाल उनपर सीबीआई कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने विधायक के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी।
सीबीआई ने कोर्ट से की थी सिफारिश
सेंगर के हथियारों का लाइसेंस 15 महीने बाद रद्द किया गया है। हाईकोर्ट ने सेंगर के असलहों के लाइसेंस को लेकर सीबीआई से रिपोर्ट तलब की थी। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की थी। मामले की शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। जिला मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार पांडेय ने प्रकरण की सुनवाई की। जिलाधिकारी देवेंद्र पांडेय ने बताया कि माखी पुलिस को तत्काल शस्त्र जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया न्यायिक है, न कि प्रशासनिक। पांडेय ने कहा था कि हथियार निरस्त करने के संदर्भ में पुलिस की रिपोर्ट आ चुकी है। हालांकि विधायक के पक्ष के वकील नहीं पहुंचे। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने आयुध लिपिक को कार्यालय बुलाकर शस्त्र लाइसेंस नियमावली के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने विधायक के तीनों लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया।
इससे पहले हथियार के लाइसेंस रद्द करने को लेकर उन्नाव के डीएम का कहना था कि विधायक का लाइसेंस न्यायिक कार्रवाई के तहत रद्द की जाएगी, इसमें प्रशासन कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने बताया था कि जो प्रशासनिक कार्रवाई होती है उसमें बिना पक्षों को सुने भी कार्रवाई हो सकती है।
पीड़िता के चाचा को तिहाड़ स्थानांतरित करने का आदेश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पीड़िता के चाचा को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोई आपत्ति न जताने पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश जारी किया।
10 साल कारावास की सजा काट रहे हैं पीड़िता के चाचा
पीड़िता के चाचा उत्तर प्रदेश में 10 साल कारावास की सजा काट रहे हैं। इसके साथ ही पीड़िता और उसके परिवार के पुराने वीडियो को सार्वजनिक करने की जानकारी मिलने के बाद कोर्ट ने मीडिया को भी निर्देश दिया है कि वे उनकी पहचान को सार्वजनिक न करें।
गौरतलब है कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता अपने परिजनों समेत रविवार को रायबरेली में हादसे का शिकार हो गई थी। कार और ट्रक की टक्कर में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि हादसे में वकील महेंद्र सिंह चौहान और रेप पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़िता का इलाज केजीएमयू में चल रहा है। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, वकील महेन्द्र सिंह की हालत पहले से कुछ बेहतर बताई जा रही है।